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लखनऊ: धरने पर शिक्षक महासंघ, शिक्षा सेवा चयन आयोग की प्रतियां फाड़ जताया विरोध

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Published : Jan 21, 2020, 3:28 PM IST

उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के आह्वान पर प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक मंगलवार को सामूहिक अवकाश पर रहे. राजधानी लखनऊ में शिक्षा भवन के बाहर एकत्र हुए हजारों शिक्षकों ने शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम के प्रतियां फाड़कर अपना विरोध जताया.

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शिक्षकों का धरना

लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के आवाहन पर प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक मंगलवार को सामूहिक अवकाश पर रहे. राजधानी में शिक्षा भवन के बाहर एकत्र हुए हजारों शिक्षकों ने शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम के प्रतियां फाड़कर अपना विरोध जताया और ऐलान किया कि सरकार उनकी मांग पर विचार नहीं करती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

शिक्षकों का धरना प्रदर्शन.

शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन

  • शिक्षा भवन में मंगलवार सुबह से ही शिक्षकों का जुटना शुरू हो गया.
  • दोपहर तक बड़ी तादाद में शिक्षक इकट्ठा हो चुके थे.
  • उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ में प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के संगठन शामिल हैं.
  • सरकार की आलोचना करते हुए शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार प्रदेश के शिक्षकों के साथ अपमानजनक व्यवहार कर रही है.

सरकार कर रही अनदेखी
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री डॉक्टर आरपी मिश्र ने बताया कि प्रदेश सरकार से शिक्षक लगातार मांग कर रहे हैं कि उनकी पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया जाए. निशुल्क चिकित्सा सुविधा अंशकालिक शिक्षकों को पूर्णकालिक और समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था प्रभावी बनाई जाए. नए पद सृजन पर लगी रोक को समाप्त किया जाए और छात्र संख्या के आधार पर पदों का सृजन किया जाए. प्राथमिक विद्यालयों में 5 शिक्षक और एक प्रधानाध्यापक की व्यवस्था लागू की जाए.

प्रतियां फाड़ जताया विरोध
प्रदेश मंत्री आरपी मिश्र ने कहा कि सरकार, शिक्षकों की इन मांगों पर विचार करने और सकारात्मक फैसला करने के बजाय उनकी आजीविका पर कुठाराघात कर रही है. प्रदेश सरकार ने शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम बनाया है, जिसमें शिक्षकों को प्रताड़ित करने की खुली छूट स्कूल प्रबंधन को दे दी गई है. सरकार का यह फैसला माध्यमिक से लेकर डिग्री कॉलेज तक के शिक्षकों को प्रभावित करने वाला है. ऐसे में सभी शिक्षकों ने इस काले कानून के खिलाफ विरोध करने का ऐलान किया है. इस काले कानून की प्रतियां फाड़ कर हम लोगों ने अपने प्रतिरोध को प्रदर्शित किया है. अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो आंदोलन के अगले चरण का ऐलान किया जाएगा.

बंद रहा स्कूलों में ताला
प्रदर्शन में शामिल प्राथमिक शिक्षकों की अगुवाई करने वाले उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन ने जानकारी देते हुए बताया कि राजधानी के 3000 प्राथमिक शिक्षक और 1000 माध्यमिक शिक्षकों ने सामूहिक तौर पर मंगलवार को आकस्मिक अवकाश लिया है. राजधानी के ज्यादातर प्राथमिक स्कूलों में मंगलवार को ताला बंद रहा. कुछ स्थानों पर शिक्षामित्रों ने व्यवस्था संभाली है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के आवाहन पर प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक मंगलवार को सामूहिक अवकाश पर रहे. राजधानी में शिक्षा भवन के बाहर एकत्र हुए हजारों शिक्षकों ने शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम के प्रतियां फाड़कर अपना विरोध जताया और ऐलान किया कि सरकार उनकी मांग पर विचार नहीं करती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

शिक्षकों का धरना प्रदर्शन.

शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन

  • शिक्षा भवन में मंगलवार सुबह से ही शिक्षकों का जुटना शुरू हो गया.
  • दोपहर तक बड़ी तादाद में शिक्षक इकट्ठा हो चुके थे.
  • उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ में प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के संगठन शामिल हैं.
  • सरकार की आलोचना करते हुए शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार प्रदेश के शिक्षकों के साथ अपमानजनक व्यवहार कर रही है.

सरकार कर रही अनदेखी
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री डॉक्टर आरपी मिश्र ने बताया कि प्रदेश सरकार से शिक्षक लगातार मांग कर रहे हैं कि उनकी पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया जाए. निशुल्क चिकित्सा सुविधा अंशकालिक शिक्षकों को पूर्णकालिक और समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था प्रभावी बनाई जाए. नए पद सृजन पर लगी रोक को समाप्त किया जाए और छात्र संख्या के आधार पर पदों का सृजन किया जाए. प्राथमिक विद्यालयों में 5 शिक्षक और एक प्रधानाध्यापक की व्यवस्था लागू की जाए.

प्रतियां फाड़ जताया विरोध
प्रदेश मंत्री आरपी मिश्र ने कहा कि सरकार, शिक्षकों की इन मांगों पर विचार करने और सकारात्मक फैसला करने के बजाय उनकी आजीविका पर कुठाराघात कर रही है. प्रदेश सरकार ने शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम बनाया है, जिसमें शिक्षकों को प्रताड़ित करने की खुली छूट स्कूल प्रबंधन को दे दी गई है. सरकार का यह फैसला माध्यमिक से लेकर डिग्री कॉलेज तक के शिक्षकों को प्रभावित करने वाला है. ऐसे में सभी शिक्षकों ने इस काले कानून के खिलाफ विरोध करने का ऐलान किया है. इस काले कानून की प्रतियां फाड़ कर हम लोगों ने अपने प्रतिरोध को प्रदर्शित किया है. अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो आंदोलन के अगले चरण का ऐलान किया जाएगा.

बंद रहा स्कूलों में ताला
प्रदर्शन में शामिल प्राथमिक शिक्षकों की अगुवाई करने वाले उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन ने जानकारी देते हुए बताया कि राजधानी के 3000 प्राथमिक शिक्षक और 1000 माध्यमिक शिक्षकों ने सामूहिक तौर पर मंगलवार को आकस्मिक अवकाश लिया है. राजधानी के ज्यादातर प्राथमिक स्कूलों में मंगलवार को ताला बंद रहा. कुछ स्थानों पर शिक्षामित्रों ने व्यवस्था संभाली है.

Intro:लखनऊ. उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के आवाहन पर प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक मंगलवार को सामूहिक अवकाश पर रहे राजधानी लखनऊ में शिक्षा भवन के बाहर एकत्र हुए हजारों शिक्षकों ने शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम के प्रति फाड़ कर अपना विरोध जताया और ऐलान किया कि सरकार उनकी मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.


Body:शिक्षा भवन में मंगलवार कि सुबह से ही शिक्षकों का जुटना शुरू हो गया दोपहर तक बड़ी तादाद में शिक्षक इकट्ठा हो चुके थे. उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ में प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के संगठन शामिल हैं. प्रदेश की योगी सरकार की नीतियों के कटु आलोचना करते हुए शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार प्रदेश के शिक्षकों के साथ अपमानजनक व्यवहार कर रही है. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री डॉक्टर आरपी मिश्र ने बताया कि प्रदेश सरकार से शिक्षक लगातार मांग कर रहे हैं कि उनकी पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया जाए. निशुल्क चिकित्सा सुविधा अंशकालिक शिक्षकों को पूर्णकालिक और समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था प्रभावी बनाई जाए नए पद सृजन पर लगी रोक को समाप्त किया जाए और छात्र संख्या के आधार पर पदों का सृजन किया जाए प्राथमिक विद्यालयों में 5 शिक्षक और एक प्रधानाध्यापक की व्यवस्था लागू की जाए लेकिन सरकार, शिक्षकों की इन मांगों पर विचार करने और सकारात्मक फैसला करने के बजाय उनकी आजीविका पर कुठाराघात कर रही है. प्रदेश सरकार ने शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम बनाया है जिसमें शिक्षकों को प्रताड़ित करने की खुली छूट स्कूल प्रबंधन को दे दी गई है .सरकार का यह फैसला माध्यमिक से लेकर डिग्री कॉलेज तक के शिक्षकों को प्रभावित करने वाला है .ऐसे में सभी शिक्षकों ने इस काले कानून के खिलाफ विरोध करने का ऐलान किया है. इस काले कानून की प्रतियां फाड़ कर हम लोगों ने अपने प्रतिरोध को प्रदर्शित किया है अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो आंदोलन के अगले चरण का ऐलान किया जाएगा. प्रदर्शन में शामिल प्राथमिक शिक्षकों की अगुवाई करने वाले उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि राजधानी लखनऊ के 3000 प्राथमिक शिक्षक और 1000 माध्यमिक शिक्षकों ने सामूहिक तौर पर मंगलवार को आकस्मिक अवकाश लिया है. राजधानी के ज्यादातर प्राथमिक स्कूलों में मंगलवार को ताला बंद रहा. कुछ स्थानों पर शिक्षामित्रों ने व्यवस्था संभाली है.

बाइट/ डॉक्टर आरपी मिश्र, प्रदेशीय मंत्री माध्यमिक शिक्षक संघ


बाइट /सुधांशु मोहन जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ


पीटीसी अखिलेश तिवारी

9653003408


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