लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल, वर्तमान में स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भाग ले रहा है. जहां बुधवार को टाटा समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) सौरभ अग्रवाल के साथ एक बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव अमित सिंह के नेतृत्व में, राज्य के प्रतिनिधिमंडल ने निवेश के असीम अवसरों पर वार्ता की. जिसमें विमानन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों पर विशेष बल दिया गया. अग्रवाल ने इन क्षेत्रों में निवेश करने में टाटा समूह की गहरी रुचि व्यक्त की तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य में निवेश की संभावनाओं की खोज के लिए आश्वस्त किया.
दावोस में 2030 डब्ल्यूआरजी (जल संसाधन समूह-वॉटर रिसोसेज़ ग्रुप) द्वारा एक स्पॉटलाइट इवेंट भी आयोजित किया गया. जिसका शीर्षक ‘उत्तर प्रदेश कम कार्बन युक्त स्थायी कृषि हेतु एक निवेश गंतव्य’ (Uttar Pradesh as an Investment Destination for Low Carbon Sustainable Agriculture) था. यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के पवेलियन प्रोमेनेड 49 में आयोजित किया गया था.
वैश्विक उद्योग के नेतृत्व तथा सीईओ, जैसे पॉल बुलके, अध्यक्ष, निदेशक मंडल, नेस्ले; जुर्गन वोगेले, उपाध्यक्ष, सतत विकास, विश्व बैंक; रणवीर चंद्र, प्रबंध निदेशक व सीटीओ, माइक्रोसॉफ्ट; गैबरियाला बुरियन, बेयर की रणनीतिक सहभागिता की निदेशक; जय श्रॉफ, चेयरमैन एवं ग्रुप सीईओ-यूपीएल; तथा माइकल वेबस्टर, कार्यक्रम निदेशक 2030 डब्ल्यूआरजी ने प्रतिभाग किया. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की सतत कृषि के लिए प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया.
कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त तथा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर प्रदेश, मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था है, वर्ष 2030 तक राज्य का उद्देश्य ‘राष्ट्र का अन्न-भण्डार’ बनने के लक्ष्य को प्राप्त करना है. वंचित वर्ग के बीच भूख एवं कुपोषण को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के विविध क्षेत्रों के अनुरूप स्थायी कृषि प्रथाओं के लिए अपनी योजना पर प्रकाश डाला.
हैदराबाद में होगा फार्मा कॉन्क्लेव: उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवा एवं फार्मास्युटिकल क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए बल्क ड्रग मेन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडियन ड्रग मेन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईडीएमए)-टीएस और एपी (आंध्र प्रदेश) चैप्टर के सहयोग से 18 जनवरी, 2024 को हैदराबाद में एक फार्मा कॉन्क्लेव का आयोजन कर रही है.
रोजगार प्रोत्साहन नीति पर होगी चर्चा: इस सम्मेलन में उद्योग-अनुकूल नीतियों और उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 तथा फार्मास्यूटिकल एवं चिकित्सा उपकरण उद्योग औद्योगिक नीति 2023 के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रविधानित विभिन्न प्रोत्साहनों के साथ-साथ फार्मास्युटिकल अनुसंधान और विनिर्माण में अवसरों, विशेष रूप से ललितपुर जिले में आगामी फार्मा पार्क और अन्य पार्कों एवं सुविधाओं पर चर्चा होगी.
उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व उसके उच्च पदस्थ अधिकारी, डॉ. जीएन सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार; अभिषेक प्रकाश, सचिव-अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ)-इन्वेस्ट यूपी व मयूर माहेश्वरी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), उ.प्र. राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा.
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार से अपनी रुचि और अपेक्षाओं को व्यक्त करने के लिए हैदराबाद के कई प्रतिष्ठित फार्मास्युटिकल उद्योगपतियों के भाग लेने की उम्मीद है. इस कार्यक्रम में प्रमुख औद्योगिक घरानों के शीर्ष अधिकारी, संगठनात्मक निकायों के सदस्य और नियामक अधिकारियों और अन्य फार्मास्युटिकल उद्योग के हितधारकों का प्रतिनिधित्व होगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस सेक्टर में प्रभावी निवेश आकर्षित करने में सहायता हेतु दक्षिणी भारत में फार्मा क्षेत्र के उद्योग विशेषज्ञों को ब्रांड एंबेसडर के रूप में शामिल किया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ललितपुर जिले में एक बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने जा रही है. राज्य सरकार द्वारा दी जा रही औद्योगिक रियायतें, ब्याज में सब्सिडी, कैपिटल सब्सिडी समेत अन्य प्रोत्साहन लाभ एवं सिंगल विन्डो क्लीयरेंस प्रणाली का प्राविधान होने से राज्य में फार्मा उद्योग स्थापित करने, एकल इकाइयों को विकसित करने तथा इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए अनुकूल माहौल बन रहा है.