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MSME सेक्टर को 61 हजार करोड़ का लोन, 76 हजार करोड़ का नया लक्ष्य

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) इकाइयों को ऋण देने का नया लक्ष्य तय किया है. चालू वित्तीय वर्ष में एमएसएमई में 61 हजार 759 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया गया. वहीं अब इस लक्ष्य को संशोधित करते हुए 76 हजार करोड़ कर दिया गया है.

डॉ. नवनीत सहगल
डॉ. नवनीत सहगल
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Published : Feb 2, 2021, 8:03 PM IST

लखनऊ: कोरोना महामारी के दौरान 'सबका साथ, सबका विकास' की नीति पर अमल करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) इकाइयों को ऋण (लोन) देकर बड़ा लक्ष्य साधा है. कुल मिलाकर आपदा में अवसर का तलाश करते हुए सूबे की सरकार ने एमएसएमई इकाइयों को बीते साल अप्रैल से 31 दिसंबर तक 61 हजार 759 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया. एमएसएमई इकाइयों को ऋण दिलाने के लक्ष्य को 100 फीसदी हासिल करते हुए अब एमएसएमई सेक्टर के वर्तमान वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को संशोधित करते हुए 76 हजार करोड़ कर दिया गया है.

राज्य में 9 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां
राज्य के अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ. नवनीत सहगल के अनुसार मात्र 9 माह में एमएसएमई इकाइयों को ऋण मुहैया कराना एक बड़ी उपलब्धि है. उत्तर प्रदेश में एमएसएमई की लगभग 9 लाख 50 हजार इकाइयां पंजीकृत हैं. गैर पंजीकृत एमएमएसई इकाइयों की संख्या इससे कई गुना अधिक हैं. उत्तर प्रदेश में उद्योग की रीढ़ एमएसएमई इकाइयां ही हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान यहां की एमएसएमई इकाइयों ने बहुत ही कम समय में आवश्यक वस्तुओं जैसे पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर आदि को निर्मित कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाकर मिशाल पेश की. इन इकाइयों के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है.

कोविड-19 में एमएसएमई पर सरकार का रहा जोर
एमएसएमई इकाइयों के महत्व को समझते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 महामारी के दौरान एमएसएमई इकाइयों पर ध्यान दिया और इन इकाइयों को कार्य करने के लिए ऋण मुहैया कराने पर भी ध्यान दिया. इसके चलते बैंकों को इन इकाइयों को ऋण देने के लिए कहा गया. अप्रैल से 31 दिसंबर तक 61 हजार 759 करोड़ रुपये का ऋण एमएसएमई इकाइयों को मुहैया करा दिया गया. राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति (एसएलबीसी) की बैठक में एमएसएमई इकाइयों को मुहैया कराए गए आंकड़ों से इसकी पुष्टि हुई.

एक करोड़ लोगों रोजगार देने का लक्ष्य
डॉ. नवनीत सहगल के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के अंत तक एमएसएमई इकाइयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. उन्हें आसानी से ऋण प्राप्त हो सके, इसका प्रबंध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से एक करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराने का प्रयास है. यूपी में देश की 14 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयां हैं.

सीएम योगी एमएसएमई इकाइयों को औद्योगिक गतिविधियों और रोजगार सृजन के मामले में राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास इंजन के रूप में पेश कर रहे हैं. केंद्रीय बजट में भी इस बात की पुष्टि की गई है. योगी सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र पर पूरा जोर दिया हुआ है. ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद योजना) का एक घटक पहले से ही एक सफल कहानी रही है. इस संबंध में राज्य सरकार ने हाल ही में 'उद्योग सारथी' ऐप लांच किया है, जिसने उद्यमियों को स्वयं के बारे में सभी जानकारी प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान किया है इस ऐप के जरिये एमएसएमई इकाइयों को बढ़ावा दिया जाएगा.

लखनऊ: कोरोना महामारी के दौरान 'सबका साथ, सबका विकास' की नीति पर अमल करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) इकाइयों को ऋण (लोन) देकर बड़ा लक्ष्य साधा है. कुल मिलाकर आपदा में अवसर का तलाश करते हुए सूबे की सरकार ने एमएसएमई इकाइयों को बीते साल अप्रैल से 31 दिसंबर तक 61 हजार 759 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया. एमएसएमई इकाइयों को ऋण दिलाने के लक्ष्य को 100 फीसदी हासिल करते हुए अब एमएसएमई सेक्टर के वर्तमान वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को संशोधित करते हुए 76 हजार करोड़ कर दिया गया है.

राज्य में 9 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां
राज्य के अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ. नवनीत सहगल के अनुसार मात्र 9 माह में एमएसएमई इकाइयों को ऋण मुहैया कराना एक बड़ी उपलब्धि है. उत्तर प्रदेश में एमएसएमई की लगभग 9 लाख 50 हजार इकाइयां पंजीकृत हैं. गैर पंजीकृत एमएमएसई इकाइयों की संख्या इससे कई गुना अधिक हैं. उत्तर प्रदेश में उद्योग की रीढ़ एमएसएमई इकाइयां ही हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान यहां की एमएसएमई इकाइयों ने बहुत ही कम समय में आवश्यक वस्तुओं जैसे पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर आदि को निर्मित कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाकर मिशाल पेश की. इन इकाइयों के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है.

कोविड-19 में एमएसएमई पर सरकार का रहा जोर
एमएसएमई इकाइयों के महत्व को समझते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 महामारी के दौरान एमएसएमई इकाइयों पर ध्यान दिया और इन इकाइयों को कार्य करने के लिए ऋण मुहैया कराने पर भी ध्यान दिया. इसके चलते बैंकों को इन इकाइयों को ऋण देने के लिए कहा गया. अप्रैल से 31 दिसंबर तक 61 हजार 759 करोड़ रुपये का ऋण एमएसएमई इकाइयों को मुहैया करा दिया गया. राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति (एसएलबीसी) की बैठक में एमएसएमई इकाइयों को मुहैया कराए गए आंकड़ों से इसकी पुष्टि हुई.

एक करोड़ लोगों रोजगार देने का लक्ष्य
डॉ. नवनीत सहगल के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के अंत तक एमएसएमई इकाइयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. उन्हें आसानी से ऋण प्राप्त हो सके, इसका प्रबंध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से एक करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराने का प्रयास है. यूपी में देश की 14 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयां हैं.

सीएम योगी एमएसएमई इकाइयों को औद्योगिक गतिविधियों और रोजगार सृजन के मामले में राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास इंजन के रूप में पेश कर रहे हैं. केंद्रीय बजट में भी इस बात की पुष्टि की गई है. योगी सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र पर पूरा जोर दिया हुआ है. ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद योजना) का एक घटक पहले से ही एक सफल कहानी रही है. इस संबंध में राज्य सरकार ने हाल ही में 'उद्योग सारथी' ऐप लांच किया है, जिसने उद्यमियों को स्वयं के बारे में सभी जानकारी प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान किया है इस ऐप के जरिये एमएसएमई इकाइयों को बढ़ावा दिया जाएगा.

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