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आम लोगों से लें गो संरक्षण में सहायता, गाय के दूध में दें हिस्सा: सीएम योगी आदित्यनाथ - आम लोगों से एक गो संरक्षण में मदद

यूपी में गो संरक्षण पर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath on cow protection) ने कहा कि इस काम में आम लोगों की मदद ली जाए और उनको गाय के दूध में हिस्सा दें.

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CM Yogi Adityanath on cow protection यूपी में गो संरक्षण पर सीएम योगी आदित्यनाथ UP News in Hindi common people for cow protection आम लोगों से एक गो संरक्षण में मदद
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Published : Aug 21, 2023, 7:19 AM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में निराश्रित गो-आश्रय स्थलों के प्रबन्धन और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन/संग्रह की समीक्षा की.अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशु संवर्धन व संरक्षण के लिए सेवाभाव के साथ सतत् प्रयासरत है. गोवंश पालकों सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं. पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आम लोगों से एक गो संरक्षण में मदद (common people for cow protection) ली जाए.

यूपी में गो संरक्षण पर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath on cow protection) ने कहा कि इस मदद के बदले में गाय के दूध में लोगों को भी हिस्सा दिया जाए.उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण की दिशा में सतत् प्रयासों के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं. वर्तमान में 6,889 निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में 11.89 लाख गोवंश संरक्षित हैं. छोटे-छोटे निराश्रित गोवंश स्थलों के स्थान पर बड़े गोवंश स्थल उपयोगी हो सकते हैं. हमें नस्ल सुधार व गोबरधन प्लाण्ट जैसे कार्यक्रमों को बढ़ाने की जरूरत है. विकास खण्ड तथा जनपद स्तर पर स्थापित वृहद गो-आश्रय स्थल इस कार्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं. इन्हें नियोजित रूप से प्रोत्साहित करें. हर विकास खण्ड व जनपद स्तर पर 4000-5000 गोवंश क्षमता के वृहद गो-आश्रय स्थल के लिए स्थान चिन्हित किया जाए. प्रत्येक निराश्रित गो-आश्रय स्थलों पर केयर टेकर की तैनाती जरूर हो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण का कार्य समाज के सहयोग के बिना कभी पूर्ण नहीं हो सकता है. निराश्रित गोवंश के संरक्षण में आम जन को सहयोग के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए. गाय हमारी संस्कृति में पूजनीय है. बड़ी संख्या में लोग स्थानाभाव के कारण गो-सेवा नहीं कर पाते हैं. ऐसे परिवारों से एक निश्चित आर्थिक सहयोग लेकर उनके द्वारा चिन्हित गोवंश की निराश्रित गो-आश्रय स्थल पर सेवा की जानी चाहिए. यदि गाय दूध दे रही है तो उसका उपयोग भी सम्बन्धित परिवार को करने की अनुमति दी जाए. इस सम्बन्ध में सम्बन्धित विभाग द्वारा स्पष्ट नीति तैयार की जाए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त शेड का निर्माण कराया जाए. गो-आश्रय स्थल में नन्दी के लिए पृथक व्यवस्था होनी चाहिए. गोवंश का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी होना चाहिए. निराश्रित गो आश्रय स्थलों में गोवंश के भरण-पोषण की अच्छी व्यवस्था रहे. इसके लिये माॅनीटरिंग की आवश्यकता है. भूसा, हरा चारा, चोकर आदि की व्यवस्था समय से कर ली जानी चाहिए. सरकार की ओर से गो-आश्रय स्थलों को पर्याप्त धनराशि दी जा रही है. इस धनराशि का समुचित उपयोग हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था के निरीक्षण के लिए हर जनपद में नोडल अधिकारी तैनात किया जाए.

ब्लॉक स्तर पर पशु चिकित्साधिकारी की जिम्मेदारी हो. जनपद स्तर पर व्यवस्था की साप्ताहिक समीक्षा करते हुए शासन को मासिक रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए. विधिवत सत्यापन के साथ ही निराश्रित गो-आश्रय स्थलों के लिए धनराशि आवंटित कर दी जाए. पशुपालन, ग्राम्य विकास, पंचायती राज व नगर विकास विभाग अंतर्विभागीय समन्वय के साथ गो-आश्रय स्थलों में अच्छी तथा सुदृढ़ व्यवस्था के लिए कार्य करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के अभियान के अच्छे परिणाम मिले हैं. अब तक 29 जिलों में 2,536 हेक्टेयर भूमि कब्जा मुक्त कराई गई है. राजस्व विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए पशुपालन विभाग द्वारा यहां नेपियर घास, सहजन, सुबबूल आदि की बुआई कराई जाए. इस भूमि की जियो टैगिंग भी कराई जाए.

यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में मृत पशुओं को नदियों में प्रवाहित न किया जाए. हमें इसके लिए लोगों को व्यवस्था देनी होगी. सभी नगर निगमों में पशुओं/जानवरों की अंत्येष्टि के लिए इलेक्ट्रिक शवदाहगृह का निर्माण कराया जाए. चरणबद्ध रूप से इसे अन्य नगरीय निकायों में स्थापित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवंश संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के आशातीत परिणाम मिले हैं. अब तक 01 लाख 85 हजार से अधिक गोवंश इस योजना के तहत आमजन को सुपुर्द किए गए हैं. गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को 900 रुपये प्रतिमाह की राशि हर महीने उपलब्ध करा दी जाए. इसमें कतई विलम्ब न हो. डीबीटी के माध्यम से धनराशि सीधे परिवार को भेजी जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सहकारी दुग्ध समितियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों के दुग्ध का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करते हुए आम जनमानस को गुणवत्तायुक्त दूध और दूध उत्पाद उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है. सतत् समन्वित प्रयासों से प्रदेश में दुग्ध समितियों ने दुग्ध उत्पादन, संग्रह, विक्रय आदि में अभूतपूर्व कार्य किया है. इससे हमारे पशुपालकों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है. बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर जैसी संस्थाओं ने अनुकरणीय कार्य किया है. सभी जनपदों में दुग्ध समितियों के गठन को और विस्तार दिया जाए. इसमें महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य है. गांवों में दुग्ध सहकारी समितियां गठित कर दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही उनके दूध के उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना संचालित की गयी है. इसके अच्छे परिणाम मिले हैं. अधिकाधिक दुग्ध उत्पादकों को इसका लाभ दिलाया जाए. पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, विक्रय, नस्ल सुधार आदि सम्बन्धित विषयों की सम्बन्धित विभागीय मंत्री द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जाए. लक्ष्य निर्धारित करें तथा उसके सापेक्ष प्रयास करें. (UP News in Hindi)

ये भी पढ़ें- हिंदू पंचांग की मदद से क्राइम कंट्रोल करेगी यूपी पुलिस, डीजीपी ने दिये ये निर्देश

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में निराश्रित गो-आश्रय स्थलों के प्रबन्धन और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन/संग्रह की समीक्षा की.अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशु संवर्धन व संरक्षण के लिए सेवाभाव के साथ सतत् प्रयासरत है. गोवंश पालकों सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं. पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आम लोगों से एक गो संरक्षण में मदद (common people for cow protection) ली जाए.

यूपी में गो संरक्षण पर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath on cow protection) ने कहा कि इस मदद के बदले में गाय के दूध में लोगों को भी हिस्सा दिया जाए.उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण की दिशा में सतत् प्रयासों के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं. वर्तमान में 6,889 निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में 11.89 लाख गोवंश संरक्षित हैं. छोटे-छोटे निराश्रित गोवंश स्थलों के स्थान पर बड़े गोवंश स्थल उपयोगी हो सकते हैं. हमें नस्ल सुधार व गोबरधन प्लाण्ट जैसे कार्यक्रमों को बढ़ाने की जरूरत है. विकास खण्ड तथा जनपद स्तर पर स्थापित वृहद गो-आश्रय स्थल इस कार्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं. इन्हें नियोजित रूप से प्रोत्साहित करें. हर विकास खण्ड व जनपद स्तर पर 4000-5000 गोवंश क्षमता के वृहद गो-आश्रय स्थल के लिए स्थान चिन्हित किया जाए. प्रत्येक निराश्रित गो-आश्रय स्थलों पर केयर टेकर की तैनाती जरूर हो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण का कार्य समाज के सहयोग के बिना कभी पूर्ण नहीं हो सकता है. निराश्रित गोवंश के संरक्षण में आम जन को सहयोग के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए. गाय हमारी संस्कृति में पूजनीय है. बड़ी संख्या में लोग स्थानाभाव के कारण गो-सेवा नहीं कर पाते हैं. ऐसे परिवारों से एक निश्चित आर्थिक सहयोग लेकर उनके द्वारा चिन्हित गोवंश की निराश्रित गो-आश्रय स्थल पर सेवा की जानी चाहिए. यदि गाय दूध दे रही है तो उसका उपयोग भी सम्बन्धित परिवार को करने की अनुमति दी जाए. इस सम्बन्ध में सम्बन्धित विभाग द्वारा स्पष्ट नीति तैयार की जाए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त शेड का निर्माण कराया जाए. गो-आश्रय स्थल में नन्दी के लिए पृथक व्यवस्था होनी चाहिए. गोवंश का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी होना चाहिए. निराश्रित गो आश्रय स्थलों में गोवंश के भरण-पोषण की अच्छी व्यवस्था रहे. इसके लिये माॅनीटरिंग की आवश्यकता है. भूसा, हरा चारा, चोकर आदि की व्यवस्था समय से कर ली जानी चाहिए. सरकार की ओर से गो-आश्रय स्थलों को पर्याप्त धनराशि दी जा रही है. इस धनराशि का समुचित उपयोग हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था के निरीक्षण के लिए हर जनपद में नोडल अधिकारी तैनात किया जाए.

ब्लॉक स्तर पर पशु चिकित्साधिकारी की जिम्मेदारी हो. जनपद स्तर पर व्यवस्था की साप्ताहिक समीक्षा करते हुए शासन को मासिक रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए. विधिवत सत्यापन के साथ ही निराश्रित गो-आश्रय स्थलों के लिए धनराशि आवंटित कर दी जाए. पशुपालन, ग्राम्य विकास, पंचायती राज व नगर विकास विभाग अंतर्विभागीय समन्वय के साथ गो-आश्रय स्थलों में अच्छी तथा सुदृढ़ व्यवस्था के लिए कार्य करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के अभियान के अच्छे परिणाम मिले हैं. अब तक 29 जिलों में 2,536 हेक्टेयर भूमि कब्जा मुक्त कराई गई है. राजस्व विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए पशुपालन विभाग द्वारा यहां नेपियर घास, सहजन, सुबबूल आदि की बुआई कराई जाए. इस भूमि की जियो टैगिंग भी कराई जाए.

यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में मृत पशुओं को नदियों में प्रवाहित न किया जाए. हमें इसके लिए लोगों को व्यवस्था देनी होगी. सभी नगर निगमों में पशुओं/जानवरों की अंत्येष्टि के लिए इलेक्ट्रिक शवदाहगृह का निर्माण कराया जाए. चरणबद्ध रूप से इसे अन्य नगरीय निकायों में स्थापित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवंश संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के आशातीत परिणाम मिले हैं. अब तक 01 लाख 85 हजार से अधिक गोवंश इस योजना के तहत आमजन को सुपुर्द किए गए हैं. गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को 900 रुपये प्रतिमाह की राशि हर महीने उपलब्ध करा दी जाए. इसमें कतई विलम्ब न हो. डीबीटी के माध्यम से धनराशि सीधे परिवार को भेजी जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सहकारी दुग्ध समितियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों के दुग्ध का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करते हुए आम जनमानस को गुणवत्तायुक्त दूध और दूध उत्पाद उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है. सतत् समन्वित प्रयासों से प्रदेश में दुग्ध समितियों ने दुग्ध उत्पादन, संग्रह, विक्रय आदि में अभूतपूर्व कार्य किया है. इससे हमारे पशुपालकों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है. बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर जैसी संस्थाओं ने अनुकरणीय कार्य किया है. सभी जनपदों में दुग्ध समितियों के गठन को और विस्तार दिया जाए. इसमें महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य है. गांवों में दुग्ध सहकारी समितियां गठित कर दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही उनके दूध के उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना संचालित की गयी है. इसके अच्छे परिणाम मिले हैं. अधिकाधिक दुग्ध उत्पादकों को इसका लाभ दिलाया जाए. पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, विक्रय, नस्ल सुधार आदि सम्बन्धित विषयों की सम्बन्धित विभागीय मंत्री द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जाए. लक्ष्य निर्धारित करें तथा उसके सापेक्ष प्रयास करें. (UP News in Hindi)

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