लखनऊः भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से वाहन और सारथी संबंधी विभिन्न सेवाओं के आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से आवेदक को सुविधा प्रदान की गई है. इसी तरह एक अन्य अधिसूचना के माध्यम से केंद्रीय मोटर नियमावली 1989 में अनेक बदलाव किए गए हैं. नई व्यवस्था के अनुसार डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन संबंधी पायलट प्रोजेक्ट उन्नाव में 14 सितंबर से चल रहा था. इसका ट्रायल पूरी तरह सफल रहा है. परिवहन विभाग ने आगामी 10 दिसंबर से डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन संबंधी नई व्यवस्था पूरे प्रदेश में शुरू कराने का फैसला लिया है.
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत डीलर पॉइंट पर ही नए वाहनों को तत्काल पंजीयन चिन्ह आवंटित हो जाएगा. पंजीयन की नई व्यवस्था लागू होने से नए वाहनों के पंजीयन में अन्य कई बदलाव हो जाएंगे.
यह भी पढ़ें- मिर्जापुर में वाहनों की चेकिंग, एक महीने में सात लाख रुपये वसूला गया जुर्माना
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में वाहन खरीदने के बाद राज्य के किसी जनपद में पंजीयन कराने पर अस्थाई पंजीयन प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं पड़ेगी. डीलर के माध्यम से सीधे संबंधित जनपद का पंजीयन चिन्ह आवंटित किया जा सकेगा. इसके अलावा यूपी में वाहन खरीदने के बाद अन्य प्रांतों में वाहन के पंजीयन कराने की दशा में अस्थाई पंजीयन प्रमाण पत्र जारी होगा. इसकी वैधता छह माह की होगी.
इसी तरह चेसिस खरीदकर बॉडी का निर्माण कराने के लिए भी अस्थाई पंजीयन प्रमाण पत्र जारी होगा. इसकी वैधता भी छह माह निर्धारित की गई है. आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से नए वाहनों के पंजीयन के लिए आवेदन की दशा में वाहन स्वामी को भविष्य में वाहन संबंधी अन्य सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी. इससे आवेदक को आरटीओ कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप