लखनऊ: महात्मा गांधी ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जो न सिर्फ आजाद हो बल्कि स्वच्छ और विकसित भी हो. निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने कहा कि आजादी से ज्यादा जरूरी स्वच्छता है. महात्मा गांधी के मार्गदर्शन एवं सोच के अनुसार और स्वच्छ भारत मिशन के तहत, हमारा कर्तव्य है कि हम देश को साफ और स्वच्छ रखकर भारत माता की सेवा करें. इसलिए इस संदर्भ में, सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ में मंगलवार से 15 मई 2023 तक स्वच्छता पखवाड़ा 2023 (Swachhta Pakhwada Celebrations in Lucknow) आयोजित किया जा रहा है.
विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि संस्थान में स्वच्छता शपथ ग्रहण समारोह के साथ पन्द्रह दिवसीय समारोह की शुरुआत हुई. निदेशक डॉ. राधा रंगराजन सहित स्टाफ और वैज्ञानिकों और छात्रों ने संकल्प लिया कि वे स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे और इसके लिए समय देंगे. इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छता के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमारे आसपास की स्वच्छता हमारे मन की स्वच्छता को दर्शाती है इसलिए हमें अपनी आंतरिक एवं बाहरी स्वच्छता के बारे में ध्यान अवश्य देना चाहिए.
इस मौके पर स्वच्छता पखवाड़ा समारोह के संयोजक, इंजीनियर रणवीर सिंह ने समारोह के दौरान आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, इस आयोजन के लिए विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाई गई है. वृक्षारोपण के साथ नए लॉन की सफाई एवं बेहतर बनाना, सीडीआरआई निवासियों के बीच जागरूकता अभियान चलाना, स्वच्छ एवं हरित परिसर के लिए सीएसआईआर-सीडीआरआई परिवार द्वारा श्रमदान, पुराने एवं अप्रचलित उपकरणों का निपटान, पुराने अभिलेखों का डिजिटाइजेशन एवं छंटाई करना, वाटर कूलर, प्यूरिफायर एवं पानी की टंकियाँ की सफाई, एचवीएसी प्लांट एयर फिल्टर की सफाई एवं विभागों में ताजे पानी की आपूर्ति, फायर हाइड्रेंट पंप आदि को स्वच्छ बनाए रखना, इमारतों की सफाई, परिसर में पानी के जमाव की जाँच आदि कार्य करने होंगे. सभी प्रयोगशालाओं और कार्यालयों के लिए विभन्न रंग के अपशिष्ट बिन एवं स्वच्छता किट का वितरण भी किया जाएगा.
इसके अतिरिक्त एक जागरूकता अभियान और रैली भी आयोजित की जाएगी. लोगों को जागरूक करने के लिए सीडीआरआई के परिसर के विभिन्न स्थानों पर जागरूकता के लिए बैनर व पोस्टर भी लगाए जाएंगे. इस दौरान सीएसआईआर-सीडीआरआई में विशेषज्ञों द्वारा जन जागरूकता पर एक समूहिक चर्चा एवं कुछ व्याख्यान भी आयोजित किए जाएंगे.
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