लखनऊः बिजली विभाग में भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता. तमाम ऐसे बड़े घोटाले हुए हैं जो इस साल सामने आए. भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई भी हुई. बावजूद इसके बिजली विभाग के अधिकारी हैं कि मानते ही नहीं. सोमवार को पाल तिराहा स्थित राजाजीपुरम उपकेंद्र पर तैनात अवर अभियंता (जेई) हेमंत राय और टीजी-2 अंशुमान को बर्खास्त करने की मांग जोर पकड़ती दिखाई दी. व्यापारियों ने अधिशासी अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन कर अधिकारियों का घेराव किया.
नहीं सुनते जेई, पैसा देने को विवश हो रहे लोग
उत्तर प्रदेश अपना व्यापार मंडल ने राजाजीपुरम अधिशासी अभियंता कार्यालय पर तैनात अवर अभियंता (जेई) हेमंत राय और टीजी-2 अंशुमान को बर्खास्त करने की मांग की. अपना व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वर्मा ने कहा कि पाल तिराहा उपकेंद्र पर भ्रष्टाचार का बोलबाला है. उपकेंद्र पर तैनात जूनियर इंजीनियर हेमंत राय और टीजी-2 अंशुमान से परेशान होकर आवेदक विभाग को पैसा देने पर विवश हो जाता है.
फर्जी दस्तावेज पर जारी कर दिया कनेक्शन
प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने कहा कि विभाग ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए न्यू हैदरगंज निवासी एक महिला से मोटी रकम लेकर कनेक्शन जारी कर दिया, जबकि जो सही आवेदक हैं, उन पर ध्यान नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा कि मोहम्मद अशद, सरीपुरा निवासी शकील अहमद और फहीम अहमद के आवेदन जेई हेमंत राय ने निरस्त कर दिए. आवेदक महीनों से विभाग के चक्कर काट रहे हैं. कयामुद्दीन का जून में अस्थायी कनेक्शन का आवेदन निरस्त कर दिया गया फिर पैसे लेकर कनेक्शन जारी कर दिया गया.
की गई लिखित शिकायत
व्यापारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री और चेयरमैन उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन से लिखित शिकायत की है. ऐसे कई मामले विभागीय स्तर पर लम्बित हैं.