लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ब्यूरोक्रेसी की जुगाड़ टेक्नोलॉजी से एक निलंबित आईएएस अफसर बहाल कर दिए गए हैं. पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महराजगंज में हुए गो संरक्षण के नाम पर चारा घोटाले के चलते आईएएस अमरनाथ उपाध्याय को निलंबित किया गया था. उन पर कई वित्तीय अनियमितताओं के आरोप थे, जिसके चलते सीएम के निर्देश पर उन्हें निलंबित किया गया और मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने उस समय उनके खिलाफ एफआईआर करने के आदेश भी दिए, लेकिन उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी. अब उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग की तरफ से उन्हें बहाल कर दिया गया है, जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं.
महाराजगंज के जिलाधिकारी रहे अमरनाथ उपाध्याय को पिछले साल गोवंश के चारा घोटाले और सैकड़ों एकड़ जमीन अपने चहेते लोगों को सस्ती दरों पर आवंटित करने के गंभीर भ्रष्टाचार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर निलंबित करने की कार्रवाई की गई थी. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अमरनाथ उपाध्याय के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा पंजीकृत करने के निर्देश दिए थे. ब्यूरोक्रेसी में जुगाड़ तंत्र के चलते उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सका था.
आईएएस अधिकारी अमरनाथ उपाध्याय के खिलाफ मुकदमा दर्ज न किए जाने और कागजों में लीपापोती और साक्ष्यों के अभाव में अब उत्तर प्रदेश की नियुक्ति विभाग ने उन्हें बहाल कर दिया है. इसको लेकर सरकार के स्तर पर सवाल उठ रहे हैं कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोपों के चलते निलंबित करने की कार्रवाई की गई थी और मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की गई थी, उसके बाद एफआईआर भी नहीं की गई और अब उन्हें बहाल कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग के एक अधिकारी ने नाम न लिखने की शर्त पर कहा कि उन्हें बहाल कर दिया गया है. उनके खिलाफ एफआईआर न होने और बहाली को लेकर उठ रहे सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि यह फैसला उच्च स्तर पर किया गया है. हम इस पर कुछ नहीं कह सकते. यह जरूर है कि उन्हें बहाल करने का आदेश जारी कर दिया गया है.