लखनऊ. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के औचक निरीक्षण में बिजली विभाग के अभियंताओं की पोल खुल गई. लखनऊ यूनिवर्सिटी न्यू कैंपस जानकीपुरम का निरीक्षण करने पहुंचे मध्यांचल के प्रबंध निदेशक अनिल ढींगरा को 2 लाख 95 हजार की स्टोर रीडिंग मिली. अभियंता की तरफ से उसे लेजराइज नहीं करने पर एमडी ने तत्कालीन अवर अभियंता को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने के निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने कांबिंग अभियान का भी इंस्पेक्शन किया.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे अनिल ढींगरा गुरुवार को अचानक ही जानकीपुरम स्थित लखनऊ यूनिवर्सिटी न्यू कैंपस उपकेंद्र पहुंच गए. यहां पर जब उन्हें निरीक्षण में स्टोर रीडिंग मिली तो उन्होंने तत्कालीन जूनियर इंजीनियर बर्खास्त करने का निर्देश दिया. वहीं, उपखंड से संबंधित क्षेत्र में मीटर रीडर्स द्वारा गैंग बनाकर असंवैधानिक रूप से 50,000 की रीडिंग को नहीं दिखाने के प्रकरण की तत्काल प्रभाव से जांच कराए जाने के निर्देश भी दिए.
स्थानीय थानों में प्राथमिकी दर्ज कराने को भी संबंधित अधिशासी अभियंता को आदेश दिया. संबंधित एजेंसी के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए. कंट्रोल रूम में फीडर के लोड को भी प्रबंध निदेशक ने चेक किया. अधिकारियों को फीडर के लोड की क्षमता वृद्धि करने और बिजली चोरी से अवैधानिक रूप से बढ़ी डिमांड को रोकने के लिए सघन कांबिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए. चोरी में लिप्त पाए गए उपभोक्ताओं के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए निर्देश जारी किए.
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इसके अलावा चिनहट के मुतक्कीपुर में बिजली विभाग के अधिकारियों की तरफ से चलाए जा रहे कांबिंग अभियान का भी निरीक्षण करने प्रबंध निदेशक पहुंच गए. यहां कुल नौ बिजली चोरी के मामले पाए गए जिसमें तीन प्रकरण में उपभोक्ता कटिया डालकर विद्युत आपूर्ति का इस्तेमाल करते धरे गए और छह प्रकरण में मीटर बायपास कर बिजली चोरी करते हुए उपभोक्ता पकड़े गए. वहीं, पांच प्रकरण स्मार्ट मीटर के और एक सामान्य मीटर सहित तीन मीटर बायपास के मामले भी सामने आए. प्रबंध निदेशक ने तत्काल प्रकरण पर प्राथमिकी दर्ज कराकर रिकवरी के आदेश संबंधित अधिकारियों को दिए. भविष्य में ऐसे प्रकरण पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने के भी एमडी ने साफ तौर पर निर्देश दिए.
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