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70 साल में 149 करोड़ से 6.90 लाख करोड़ का हो गया यूपी का बजट

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 2023 में प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ा बजट पेश करेगी. अनुमान है कि इस बार 6.90 लाख करोड़ का बजट पेश किया जाएगा. पिछले 70 साल में यूपी के बजट का आकार कैसे बढ़ा, पढ़ें यह स्पेशल रिपोर्ट :

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Published : Feb 21, 2023, 7:40 PM IST

Updated : Feb 22, 2023, 10:41 AM IST

यूपी की योगी सरकार का बजट कैसा होगा बता रहे हैं अर्थशास्त्री बीबी तिवारी.

लखनऊ : 14 मार्च 1952, मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने प्रदेश का पहला बजट पेश किया था. तब यूपी के 149 करोड़ रुपये का वित्तीय बजट को अन्य राज्यों की तुलना में जम्बो बजट कहा गया. इसके बाद हर साल यूपी के बजट का आकार बढ़ता रहा. 22 फरवरी को वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना विधानसभा सदन में वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगे. वित्त विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस बार का बजट करीब 6.90 लाख करोड़ रुपये का होगा.

history of UP Budget
जानिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के पिटारे में क्या है ?

2017 से पहले तक यूपी के मुख्यमंत्री वित्त विभाग अपने पास रखते थे. इस कारण कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी के नाम एक अनोखा रेकॉर्ड भी जुड़ गया. उन्होंने सीएम और वित्त मंत्री रहते हुए 11 बार यूपी का बजट पेश किया था. बजट पेश करने में दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह यादव रहे, उन्होंने कुल 9 बार बजट पेश किया. अखिलेश यादव ने भी अपने कार्यकाल में कुल 5 बार बजट पेश किया था. बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने कार्यकाल में 4 बार बजट पेश किया.

history of UP Budget
योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में यूपी के बजट का आकार काफी बढ़ा है.

योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद राज्य के वित्त विभाग कैबिनेट मंत्री को सौंपा गया. योगी 1.0 में राजेश अग्रवाल वित्त मंत्री बनाए गए. उन्होंने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश किया. 16 फीसदी ग्रोथ वाले इस बजट से सरकार ने लंबी छलांग लगाई. वित्त वर्ष 2021-22 में यूपी का बजट 5,82,956 लाख करोड़ रुपये का पेश हुआ. योगी 2.0 के पहले बजट 2022-23 में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 6,15,518.97 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो देश के राज्यों में सबसे अधिक था.

history of UP Budget
नारायण दत्त तिवारी के नाम यूपी विधानसभा में बजट पेश करने का रेकॉर्ड है. दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह यादव हैं.

अर्थशास्त्री बीबी तिवारी का कहना है कि निवेश में तेजी लाना, उत्पादकता में बढ़ोतरी करना, शिक्षा, स्वास्थ्य के मोर्चे पर बेहतर परिणाम देना, अधिक रोजगार सृजन, कृषि की उत्पादकता को बढ़ाना, माइक्रोइकोनॉमिक स्टेबिलिटी को बनाए रखना, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ग्लोबल मेगा ट्रेंड को बेहतर ढंग से मैनेज करना और गवर्नेंस में सुधार लाना भी सरकार की बड़ी जिम्मेदारी होगी, उसको देखते भी बजट में कुछ प्रावधान हो सकते हैं.

पढ़ें : UP budget 2023 : एक्सप्रेस वे से स्टार्टअप की योजनाओं तक पहुंचा योगी का बजट, धार्मिक पर्यटन से बढ़ा सरकार का गौरव

यूपी की योगी सरकार का बजट कैसा होगा बता रहे हैं अर्थशास्त्री बीबी तिवारी.

लखनऊ : 14 मार्च 1952, मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने प्रदेश का पहला बजट पेश किया था. तब यूपी के 149 करोड़ रुपये का वित्तीय बजट को अन्य राज्यों की तुलना में जम्बो बजट कहा गया. इसके बाद हर साल यूपी के बजट का आकार बढ़ता रहा. 22 फरवरी को वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना विधानसभा सदन में वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगे. वित्त विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस बार का बजट करीब 6.90 लाख करोड़ रुपये का होगा.

history of UP Budget
जानिए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के पिटारे में क्या है ?

2017 से पहले तक यूपी के मुख्यमंत्री वित्त विभाग अपने पास रखते थे. इस कारण कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी के नाम एक अनोखा रेकॉर्ड भी जुड़ गया. उन्होंने सीएम और वित्त मंत्री रहते हुए 11 बार यूपी का बजट पेश किया था. बजट पेश करने में दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह यादव रहे, उन्होंने कुल 9 बार बजट पेश किया. अखिलेश यादव ने भी अपने कार्यकाल में कुल 5 बार बजट पेश किया था. बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने कार्यकाल में 4 बार बजट पेश किया.

history of UP Budget
योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में यूपी के बजट का आकार काफी बढ़ा है.

योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद राज्य के वित्त विभाग कैबिनेट मंत्री को सौंपा गया. योगी 1.0 में राजेश अग्रवाल वित्त मंत्री बनाए गए. उन्होंने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश किया. 16 फीसदी ग्रोथ वाले इस बजट से सरकार ने लंबी छलांग लगाई. वित्त वर्ष 2021-22 में यूपी का बजट 5,82,956 लाख करोड़ रुपये का पेश हुआ. योगी 2.0 के पहले बजट 2022-23 में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 6,15,518.97 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो देश के राज्यों में सबसे अधिक था.

history of UP Budget
नारायण दत्त तिवारी के नाम यूपी विधानसभा में बजट पेश करने का रेकॉर्ड है. दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह यादव हैं.

अर्थशास्त्री बीबी तिवारी का कहना है कि निवेश में तेजी लाना, उत्पादकता में बढ़ोतरी करना, शिक्षा, स्वास्थ्य के मोर्चे पर बेहतर परिणाम देना, अधिक रोजगार सृजन, कृषि की उत्पादकता को बढ़ाना, माइक्रोइकोनॉमिक स्टेबिलिटी को बनाए रखना, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ग्लोबल मेगा ट्रेंड को बेहतर ढंग से मैनेज करना और गवर्नेंस में सुधार लाना भी सरकार की बड़ी जिम्मेदारी होगी, उसको देखते भी बजट में कुछ प्रावधान हो सकते हैं.

पढ़ें : UP budget 2023 : एक्सप्रेस वे से स्टार्टअप की योजनाओं तक पहुंचा योगी का बजट, धार्मिक पर्यटन से बढ़ा सरकार का गौरव

Last Updated : Feb 22, 2023, 10:41 AM IST
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