लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (Chief Justice of India) (सीजेआई) जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) के बेटे श्रीयश यू ललित सहित चार अधिवक्ताओं को सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए सीनियर एडवोकेट में नियुक्त किया था. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के बेटे को राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट पैनल में नियुक्त किए जाने को लेकर तमाम तरह के उठे सवाल और विवाद के बाद नियुक्ति रद्द कर दी गई है.
दरअसल, कुछ दिनों पहले 21 सितंबर को ही उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से प्रभावी पैरवी करने के लिए सीनियर एडवोकेट पैनल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस यूयू ललित के बेटे श्रीयश यू ललित को नियुक्त किया था. इसके साथ ही पूर्व अपर महाधिवक्ता विनोद कांति के बेटे यशार्थ कांत, नमित सक्सेना और प्रीति गोयल को भी एडवोकेट पैनल में शामिल किया गया था.
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के बेटे को ही राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में प्रभावी पैरवी करने के लिए सीनियर एडवोकेट पैनल में नियुक्त किए जाने को लेकर तमाम तरह का विवाद सामने आया और इसको लेकर सवाल भी खड़े किए गए, जिसके बाद राज्य सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट पैनल में शामिल किए गए चारों अधिवक्ताओं की नियुक्ति रद्द कर दी गई है. उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से सोमवार की रात चारों अधिवक्ताओं की नियुक्ति को अग्रिम आदेशों तक स्थगित रखे जाने का आदेश जारी किया गया है.