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जानिए, राममंदिर विवाद में मध्यस्थता विफल होने पर मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के चर्चित अयोध्या मंदिर विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए बनाया गया मध्यस्थता पैनल इस मामले का हल निकालने में विफल रहा, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल को भंग कर दिया.

अयोध्या राम मंदिर.
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Published : Aug 2, 2019, 11:49 PM IST

लखनऊ: मध्यस्थता पैनल अयोध्या विवाद सुलझाने में विफल साबित हुआ. मंदिर-मस्जिद पक्षकार तीन महीने में भी इस मुद्दे का हल नहीं निकाल पाए, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता कमेटी को भंग कर दिया. अब सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त से इस मुद्दे की रोजाना सुनवाई शुरू करने का फैसला किया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय पर मुस्लिम समुदाय ने देश की सर्वोच्च अदालत का स्वागत किया है और जल्द ही इस पर फैसले की उम्मीद जताई है.

मध्यस्थता कमेटी भंग होने पर बोले मुस्लिम.


मध्यस्थता कमेटी भंग होने पर बोले मुस्लिम

  • मुस्लिम समुदाय से आने वाले जीशान खान का कहना है कि मध्यस्थता से इस बड़े मसले का हल निकालना मुश्किल ही लग रहा था.
  • देश की सबसे बड़ी अदालत ने इसकी जल्द सुनवाई का फैसला किया है तो इसके जल्द हल होने की उम्मीद जगी है.
  • पेशे से व्यापारी अबरार खान का कहना है कि इस मसले का हल अगर आपसी समझौते से हो जाता तो बेहतर था.
  • प्रयोग विफल हो गया है, जो भी फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा, मुस्लिम समुदाय उसका स्वागत करेगा.

मुस्लिम समुदाय से आने वाले रईस अहमद का कहना है कि देश के इतने बड़े मुद्दे का हल जिसमें कई पक्षकार शामिल हों, उसमें सबकी रजामन्दी होना मुश्किल ही था. उलेमा का भी कहना है कि जो भी फैसला कोर्ट करेगा, वह हम सब मानेंगे.

लखनऊ: मध्यस्थता पैनल अयोध्या विवाद सुलझाने में विफल साबित हुआ. मंदिर-मस्जिद पक्षकार तीन महीने में भी इस मुद्दे का हल नहीं निकाल पाए, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता कमेटी को भंग कर दिया. अब सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त से इस मुद्दे की रोजाना सुनवाई शुरू करने का फैसला किया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय पर मुस्लिम समुदाय ने देश की सर्वोच्च अदालत का स्वागत किया है और जल्द ही इस पर फैसले की उम्मीद जताई है.

मध्यस्थता कमेटी भंग होने पर बोले मुस्लिम.


मध्यस्थता कमेटी भंग होने पर बोले मुस्लिम

  • मुस्लिम समुदाय से आने वाले जीशान खान का कहना है कि मध्यस्थता से इस बड़े मसले का हल निकालना मुश्किल ही लग रहा था.
  • देश की सबसे बड़ी अदालत ने इसकी जल्द सुनवाई का फैसला किया है तो इसके जल्द हल होने की उम्मीद जगी है.
  • पेशे से व्यापारी अबरार खान का कहना है कि इस मसले का हल अगर आपसी समझौते से हो जाता तो बेहतर था.
  • प्रयोग विफल हो गया है, जो भी फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा, मुस्लिम समुदाय उसका स्वागत करेगा.

मुस्लिम समुदाय से आने वाले रईस अहमद का कहना है कि देश के इतने बड़े मुद्दे का हल जिसमें कई पक्षकार शामिल हों, उसमें सबकी रजामन्दी होना मुश्किल ही था. उलेमा का भी कहना है कि जो भी फैसला कोर्ट करेगा, वह हम सब मानेंगे.

Intro:मध्यस्थता पैनल द्वारा अयोध्या विवाद में विफल होने पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त से इस मुद्दे की रोज़ाना सुनवाई शुरू करने का फैसला किया है वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय पर मुस्लिम समुदाय ने देश की सर्वोच्च अदालत का स्वागत किया है और जल्द ही इसके फैसले की उम्मीद जताई है।


Body:मुस्लिम समुदाय से आने वाले ज़ीशान खान का कहना है कि मध्यस्थता से इस बड़े मसले का हल निकालना मुश्किल ही लग रहा था वहीं अब जब देश की सबसे बड़ी अदालत ने इसकी जल्द सुनवाई का फैसला किया है तो इसके जल्द हल होने की भी उम्मीद जगी है। वहीं पेशे से व्यपारी अबरार खान का कहना है कि इस मसले का हल अगर आपसी समझौते से होजाता तो बेहतर था लेकिन अब जबकि यह विफल होगया था तो जो भी फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा उसका मुस्लिम समुदाय स्वागत करेगा। तो वहीं मुस्लिम समुदाय से आने वाले रईस अहमद का कहना है कि देश के इतने बड़े मुद्दे का हल जिसमें कई पक्षकार शामिल हो उसमें सबकी रज़ामन्दी होना मुश्किल ही था और उलमा का भी कहना है कि जो भी फैसला कोर्ट करेगा वो हम सब मानेंगे।

बाइट1- ज़ीशान खान
बाइट2- अबरार खान
बाइट3- रईस अहमद


Conclusion:बता दें कि मध्यस्थता पैनल इस मामले का हल निकालने में विफल रहा है और यह फैसला मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट पर सुनवाई कर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने लिया है इसी के साथ अब रोज़ाना सुनवाई 6 अगस्त से शुरू होगी।
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