लखनऊ: राजधानी में पुलिस ने पशुधन घोटाले को लेकर दस लोगों के खिलाफ बीते दिनों चार्जशीट दाखिल की थी. वहीं अब जांचकर्ता अधिकारी ठगी के मामले में निलंबित किए गए डीआईजी पीएसी अरविंद सेन सहित सात लोगों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है. अब तक की पड़ताल में आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन सहित हेड कांस्टेबल दिलबहार यादव, सचिवालयकर्मी उमेश मिश्रा सहित चार अन्य के खिलाफ सबूत मिले हैं, जिनके खिलाफ जांचकर्ता अधिकारी आने वाले दिनों में सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करेंगे.
पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर की गई ठगी को लेकर हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी. एफआईआर की जांचकर्ता अधिकारी एसीपी श्वेता सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि निलंबित आईपीएस अरविंद सेन का नाम शुरुआत से ही प्रकाश में आया था. पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर हुई ठगी के आरोपियों में निलंबित आईपीएस अरविंद सेन का नाम शामिल किया गया है.
इसी के साथ जांच में एक हेड कांस्टेबल सचिवालयकर्मी सहित 7 लोगों के खिलाफ सबूत मिले हैं, जिनके खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जाएगी. वहीं अब तक की पड़ताल में यह बात भी निकल के सामने आई है कि इंदौर के व्यापारी को धमकाने के लिए ठगी के मुख्य आरोपी आशीष राय ने निलंबित आईपीएस अरविंद सेन को 10 लाख रुपये दिए थे. मुख्य आरोपी आशीष राय ने दो बार में यह रकम निलंबित आईपीएस को दी थी, जिस समय यह पैसे दिए गए अरविंद सेन सीबीसीआईडी में तैनात थे.
एसीपी श्वेता सिंह ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि पशुधन घोटाले में गिरफ्तार दस लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी. लखनऊ पुलिस ने रजनीश दीक्षित प्रधान सचिव, धीरज देव निजी सचिव, आशीष राय, सर्राफा व्यापारी सचिन वर्मा, सुरेश पांडे, रघुवीर, अनिल राय, एके राजीव, उमाशंकर और रूपक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद भी पशुधन घोटाले को लेकर सवालों के घेरे में थे, क्योंकि आरोपियों ने घोटाले को अंजाम देने के लिए जयप्रकाश निषाद के कार्यालय का प्रयोग किया था. इस बात का खुलासा पहले ही एसटीएफ कर चुकी है. इंदौर के व्यापारी की शिकायत पर एसटीएफ ने जांच की थी, जिसके बाद हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर में राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश, निजी सचिव धीरज देव, पत्रकार आशीष राय, अनिल राय, एके राजीव, उमाशंकर और रूपक को नामजद किया गया था, जिनको पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पुलिस की जांच में अन्य सचिन वर्मा, त्रिपुरेष पांडे, होमगार्ड रघुवीर सिंह यादव की संलिप्तता सामने आई थी, जिनके खिलाफ भी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया था.
दो आईपीएस हो चुके हैं निलंबित
पशुधन घोटाले को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. भ्रष्टाचार को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा की गई यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पशुधन घोटाले में नाम सामने आने के बाद डीआईजी रूल्स और मैनुअल दिनेश दुबे और डीआईजी पीएसी अरविंद सेन को निलंबित कर दिया था. मिली जानकारी के अनुसार घोटाले को लेकर गिरफ्तार किए गए शातिर अपराधियों की अधिकारियों से 144 बार बातचीत की जानकारी मिली थी, जिसमें पैसे के लेन-देन की बात हुई है. इस संदर्भ में सबूत मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार ने दोनों आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया था.
इंदौर के व्यापारी से ठगी
पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर जालसाजों ने इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली. ठगी को अंजाम देने वाले जालसाज आशीष राय ने व्यापारी से खुद को विभाग का निदेशक एके मित्तल बताकर ठगी को अंजाम दिया. एके मित्तल बन आशीष राय ने व्यापारी मनजीत सिंह से 9 करोड़ रुपये लिए. इसके बदले में ठेका दिलाने का वादा किया गया था, लेकिन जालसाजों ने 9 करोड़ रुपये हजम कर लिए. इसके बाद व्यापारी मनजीत सिंह की तहरीर पर हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.
व्यापारी मनजीत सिंह ने बताया कि यह साजिश 2018 में रची गई थी. ठेका दिलाने के नाम पर 9 करोड़ लिए गए. इसके बाद मनजीत सिंह ने 11 लोगों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है. इसमें से 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.