लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के शासनकाल में मुख्यमंत्री आवास से शुरू हुई रोडवेज की सुपर लग्जरी स्कैनिया बस सेवा के संचालन पर रविवार से ब्रेक लग जाएगा. इसके पीछे कोविड काल के चलते हाईटेक बसों के लिये यात्रियों का लोड फैक्टर लगातार गिरने को वजह बताया जा रहा है. ऐसे में यूपी रोडवेज इन अनुबंधित बसों को आगे तक संचालित करने की स्थिति में नहीं आ पा रहा है. इसी के मद्देनजर रोडवेज प्रबंधन ने स्कैनिया बस प्रबंधन को 31 जुलाई तक का नोटिस दे रखा था. हालांकि स्कैनिया का अनुबंध रोडवेज के साथ खत्म हो गया या फिर अभी भी अनौपचारिक रूप से बना हुआ है, यह स्थिति साफ नहीं हो पा रही है.
आलमबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक डीके गर्ग ने जानकारी दी कि रोडवेज के बस बेड़े में अभी तक 21 स्कैनिया बसों का संचालन हो रहा था, जिसमें ये बसें दिल्ली, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज रूटों पर चलती थीं. अब जबकि कोरोना संक्रमण की दर प्रदेश में काफी कम स्तर पर आ चुकी है और यात्रियों का आवागमन भी शुरू हो चुका है, ऐसी स्थिति में स्कैनिया बसें बंद होने से निश्चित रूप से उस वर्ग के पैसेंजरों को काफी दिक्कतें हो सकती हैं जो किसी वजह से रेलवे के एसी ट्रेनों में कन्फर्म टिकट नहीं करा पा रहे हैं.
बता दें कि जब रोडवेज बस बेड़े में स्कैनिया बसें जुड़ी थीं तो पहली बार सुपर लग्जरी बस सेवा में यात्रा करने का प्रदेश वासियों को अनुभव प्राप्त हुआ था. सफर के दौरान यात्री इन बसों की काफी तारीफ कर रहे थे, लेकिन कम सवारियां और फिक्स रेट होने के कारण उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम पर स्कैनिया बस सेवा बोझ बनती जा रही थी. निगम के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रही थीं इसलिए अब इस बस सेवा पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है.
रोडवेज की सुपर लग्जरी 'स्कैनिया' बस सेवा 1 अगस्त से होगी बंद
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के बेड़े से रविवार को लग्जरी स्कैनिया बसों का संचालन बंद हो जाएगा. कोरोना के कारण कम यात्रियों की आवाजाही का असर इस बस सेवा पर पड़ा है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के शासनकाल में मुख्यमंत्री आवास से शुरू हुई रोडवेज की सुपर लग्जरी स्कैनिया बस सेवा के संचालन पर रविवार से ब्रेक लग जाएगा. इसके पीछे कोविड काल के चलते हाईटेक बसों के लिये यात्रियों का लोड फैक्टर लगातार गिरने को वजह बताया जा रहा है. ऐसे में यूपी रोडवेज इन अनुबंधित बसों को आगे तक संचालित करने की स्थिति में नहीं आ पा रहा है. इसी के मद्देनजर रोडवेज प्रबंधन ने स्कैनिया बस प्रबंधन को 31 जुलाई तक का नोटिस दे रखा था. हालांकि स्कैनिया का अनुबंध रोडवेज के साथ खत्म हो गया या फिर अभी भी अनौपचारिक रूप से बना हुआ है, यह स्थिति साफ नहीं हो पा रही है.
आलमबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक डीके गर्ग ने जानकारी दी कि रोडवेज के बस बेड़े में अभी तक 21 स्कैनिया बसों का संचालन हो रहा था, जिसमें ये बसें दिल्ली, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज रूटों पर चलती थीं. अब जबकि कोरोना संक्रमण की दर प्रदेश में काफी कम स्तर पर आ चुकी है और यात्रियों का आवागमन भी शुरू हो चुका है, ऐसी स्थिति में स्कैनिया बसें बंद होने से निश्चित रूप से उस वर्ग के पैसेंजरों को काफी दिक्कतें हो सकती हैं जो किसी वजह से रेलवे के एसी ट्रेनों में कन्फर्म टिकट नहीं करा पा रहे हैं.
बता दें कि जब रोडवेज बस बेड़े में स्कैनिया बसें जुड़ी थीं तो पहली बार सुपर लग्जरी बस सेवा में यात्रा करने का प्रदेश वासियों को अनुभव प्राप्त हुआ था. सफर के दौरान यात्री इन बसों की काफी तारीफ कर रहे थे, लेकिन कम सवारियां और फिक्स रेट होने के कारण उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम पर स्कैनिया बस सेवा बोझ बनती जा रही थी. निगम के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रही थीं इसलिए अब इस बस सेवा पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है.