ETV Bharat / state

बाराबंकी में प्रशासन ने गिराई 100 साल पुरानी मस्जिद, वक्फ बोर्ड ने जताई नराजगी

author img

By

Published : May 18, 2021, 8:52 PM IST

यूपी के बाराबंकी में रामसनेही घाट स्थित एक ऐतिहासिक मस्जिद को अवैध अतिक्रमण बताते हुए ध्वस्त करने के मामले में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर अहमद फारुकी ने सख्त नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि वह इस अवैध कार्रवाई के खिलाफ उच्च न्यायलय में वाद योजित करेंगे.

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर अहमद फारुकी
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर अहमद फारुकी

लखनऊ: बाराबंकी के रामसनेही घाट स्थित एक ऐतिहासिक मस्जिद को सोमवार को प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण बताते हुए ध्वस्त कर दिया था. यह मस्जिद सुन्नी वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड और तकरीबन 100 वर्षों से ज्यादा पुरानी थी. इस संबंध में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर अहमद फारुकी ने मंगलवार को बयान जारी कर प्रशासन के खिलाफ सख्त नाराजगी जताई है. चेयरमैन ने कहा कि वह इस अवैध कार्रवाई के खिलाफ उच्च न्यायलय में वाद योजित करेंगे.

प्रशासन की कार्यवाई पर खड़े हो रहे सवाल
बाराबंकी की रामसनेही घाट तहसील परिसर में मौजूद ऐतिहासिक मस्जिद उस वक्त चर्चा में आई थी जब तहसील प्रशासन ने मार्च महीने में बैरिकेडिंग लगाकर मस्जिद में आने-जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद कर दिया था. किसी को भी यहां नमाज नहीं अदा करने दी जा रही थी, जबकि इलाके के लोग वहां वर्षों से नमाज अदा कर रहे थे. सोमवार को प्रशासन की इस कार्रवाई पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं एसडीएम रामसनेही घाट के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठने लगी है.

सुन्नी वक्फ बोर्ड हुआ सख्त
मंगलवार को उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर अहमद फारुकी ने कहा कि जिला प्रशासन बाराबंकी और विशेष रूप से एसडीएम राम सनेहीघाट द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने के नाम पर तहसील परिसर के पास स्थित एक 100 साल पुरानी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया है. वह इस अवैध और मनमानी कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ कानून के खिलाफ है, बल्कि शक्तियों का दुरुपयोग है. उन्होंने कहा कि साथ ही यह 24 अप्रैल 2021 को पारित उच्च न्यायालय के आदेश का पूर्ण उल्लंघन भी है. ज़ुफर अहमद फारुकी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड मस्जिद की दोबारा बहाली, मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए उच्च न्यायालय में जल्द ही वाद योजित करेगा.

इसे भी पढ़ें- नई किताबों के लिए 1.80 करोड़ छात्रों को करना होगा इंतजार, अभी तक नहीं हुई छपाई

लखनऊ: बाराबंकी के रामसनेही घाट स्थित एक ऐतिहासिक मस्जिद को सोमवार को प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण बताते हुए ध्वस्त कर दिया था. यह मस्जिद सुन्नी वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड और तकरीबन 100 वर्षों से ज्यादा पुरानी थी. इस संबंध में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर अहमद फारुकी ने मंगलवार को बयान जारी कर प्रशासन के खिलाफ सख्त नाराजगी जताई है. चेयरमैन ने कहा कि वह इस अवैध कार्रवाई के खिलाफ उच्च न्यायलय में वाद योजित करेंगे.

प्रशासन की कार्यवाई पर खड़े हो रहे सवाल
बाराबंकी की रामसनेही घाट तहसील परिसर में मौजूद ऐतिहासिक मस्जिद उस वक्त चर्चा में आई थी जब तहसील प्रशासन ने मार्च महीने में बैरिकेडिंग लगाकर मस्जिद में आने-जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद कर दिया था. किसी को भी यहां नमाज नहीं अदा करने दी जा रही थी, जबकि इलाके के लोग वहां वर्षों से नमाज अदा कर रहे थे. सोमवार को प्रशासन की इस कार्रवाई पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं एसडीएम रामसनेही घाट के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठने लगी है.

सुन्नी वक्फ बोर्ड हुआ सख्त
मंगलवार को उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर अहमद फारुकी ने कहा कि जिला प्रशासन बाराबंकी और विशेष रूप से एसडीएम राम सनेहीघाट द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने के नाम पर तहसील परिसर के पास स्थित एक 100 साल पुरानी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया है. वह इस अवैध और मनमानी कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ कानून के खिलाफ है, बल्कि शक्तियों का दुरुपयोग है. उन्होंने कहा कि साथ ही यह 24 अप्रैल 2021 को पारित उच्च न्यायालय के आदेश का पूर्ण उल्लंघन भी है. ज़ुफर अहमद फारुकी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड मस्जिद की दोबारा बहाली, मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए उच्च न्यायालय में जल्द ही वाद योजित करेगा.

इसे भी पढ़ें- नई किताबों के लिए 1.80 करोड़ छात्रों को करना होगा इंतजार, अभी तक नहीं हुई छपाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.