सुलतानपुर : जिले के एक गुदड़ी के लाल ने कमाल कर दिखाया है. रिक्शा चालक की बेटी ने यूपी की तरफ से केरल में नेशनल वालीबॉल प्रतियोगिता में परचम लहराते हुए होनहारों को रास्ता दिखाया है. बिटिया की नजर अब अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं पर है. वह अपने खेल से अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत का तिरंगा लहराना चाहती है. आज हर तरफ बिटिया की चर्चा हो रही है.
जज्बे ने बनाया नेशनल खिलाड़ी
सुलतानपुर जिले के दुबेपुर ब्लॉक के नारायणपुर मोहल्ले की सरिता कोरी को बचपन से ही वालीबॉल खिलाड़ी बनने की हसरत थी. इसी को देखते हुए वह लगातार प्रैक्टिस करती थी. अपने हुनर को निखारती रही. सरिता के पिता मुकेश कुमार कोरी रिक्शा चालक हैं. रिक्शा चलाकर 2 जून की रोटी का इंतजाम करते हैं. लेकिन दो बेटियों के पिता को यह एहसास नहीं था कि उनकी बेटी की हसरत राष्ट्रीय ध्वज फहराने की है.
कोच दीपक श्रीवास्तव कहते हैं कि सरिता शुरू से ही प्रतिभावान रही. लगातार रियाज और प्रैक्टिस से यह मुकाम हासिल कर सकी है. उसके पिता मुकेश कोरी रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. हमें उम्मीद है अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में यह भारत का परचम लहराएगी.
मां से मिली प्रेरणा
गरीब परिवार में पली-बढ़ी सरिता कोरी को प्रेरणा अपनी मां गीता गोरी से मिली है. 11वीं कक्षा से ही उसने खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेना शुरू कर दिया. 2018 में महिला स्टेट और सीनियर स्टेट चैंपियनशिप प्रतियोगिताएं खेली. गणपत सहाय कॉलेज की बीए की अंतिम वर्ष की छात्रा सरिता कोरी को इंतजार है राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शामिल होने का.
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होने की है हसरत
नेशनल खिलाड़ी सरिता कोरी कहती हैं कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होने की हसरत है. छात्र जीवन में ही उन्होंने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और महिला स्टेट और सीनियर स्टेट चैंपियनशिप प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन किया. जिसके बल पर उन्हें केरल में यूपी और केरल के बीच 2019 में यूपी का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला.
बेटियां सुलतानपुर का सौभाग्य
हम चाहते हैं कि यह हमारे जिले की बेटियां इसी तरह आगे बढ़ती रहे और जिले का नाम रोशन करती रहें. यह सुलतानपुर जिले का सौभाग्य है कि बेटियां लगातार आगे बढ़ रही हैं और अपनी पहचान सुनिश्चित करा रही हैं.