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लखनऊ: महिलाओं को गन्ने की पौध तैयार करने का दिया जा रहा प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादक जिलों के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण महिला उद्यमियों को स्वावलंबी बनाने के लिए गन्ने की पौध तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अब तक प्रदेश के 36 जिलों में स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया जा चुका है.

जानकारी देते गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी.
जानकारी देते गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी.
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Published : Nov 6, 2020, 6:02 AM IST

लखनऊ: प्रदेश में गन्ना विकास विभाग की योजना के तहत प्रदेश के गन्ना उत्पादक जिलों के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण महिला उद्यमियों को स्वावलंबी बनाने के लिए गन्ने की पौध तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस योजना में महिलाएं ग्रामीण स्तर पर सिंगल बेड और व्हाट्सएप के माध्यम से गन्ने की नर्सरी तैयार करेंगी और पौधे की बिक्री कर मुनाफा भी कमाएंगी.

गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर नकदी फसल के रूप में गन्ने की खेती की जाती है. गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों में रोजगार की अपार संभावनाएं है, जिसे ध्यान में रखते हुए महिलाओं को रोजगार देने हेतू स्वयं सहायता समूह तैयार कर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है.
गन्ना विकास परिषद व चीनी मिल द्वारा संयुक्त रूप से गांवों का चयन करते हुए महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाकर इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश के 36 जनपदों में स्थापित नर्सरियों में महिला उद्यमियों के स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया गया और इसमें 734 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया.

जिसके माध्यम से 8108 ग्रामीण महिला उद्यमियों को क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार प्राप्त होगा. प्रदेश सरकार गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है. सरकार की ओर से लगातार अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर उन्हें दिशा निर्देश दिया जा रहा है.

लखनऊ: प्रदेश में गन्ना विकास विभाग की योजना के तहत प्रदेश के गन्ना उत्पादक जिलों के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण महिला उद्यमियों को स्वावलंबी बनाने के लिए गन्ने की पौध तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस योजना में महिलाएं ग्रामीण स्तर पर सिंगल बेड और व्हाट्सएप के माध्यम से गन्ने की नर्सरी तैयार करेंगी और पौधे की बिक्री कर मुनाफा भी कमाएंगी.

गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर नकदी फसल के रूप में गन्ने की खेती की जाती है. गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों में रोजगार की अपार संभावनाएं है, जिसे ध्यान में रखते हुए महिलाओं को रोजगार देने हेतू स्वयं सहायता समूह तैयार कर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है.
गन्ना विकास परिषद व चीनी मिल द्वारा संयुक्त रूप से गांवों का चयन करते हुए महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाकर इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश के 36 जनपदों में स्थापित नर्सरियों में महिला उद्यमियों के स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया गया और इसमें 734 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया.

जिसके माध्यम से 8108 ग्रामीण महिला उद्यमियों को क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार प्राप्त होगा. प्रदेश सरकार गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है. सरकार की ओर से लगातार अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर उन्हें दिशा निर्देश दिया जा रहा है.

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