लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है. उसका परिणाम यह हुआ कि उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा 3,262 लाख मैट्रिक टन गन्ने की पेराई कर 365 लाख मैट्रिक टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया है.
गन्ना उत्पादकता में वृद्धि के लिए चलाए कार्यक्रम
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना किसानों की आय दोगुनी करने हेतु विभाग द्वारा नौ सूत्रीय गन्ना विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जिससे गन्ना किसानों की उत्पादकता में वृद्धि की जा सके और उत्पादन लागत में कमी लाने का निरंतर प्रकाशित किया जा रहा है. इसी का परिणाम है कि गन्ने की औसत उत्पादकता 72 प्रतिशत से बढ़कर 81 प्रतिशत प्रति हेक्टेयर हो गई है. प्रदेश में गन्ना किसानों के न्यूनतम निवेश पर गन्ना उत्पादन को बढ़ाने के लिए कृषि निवेशों काे बेहतर प्रबंधन और वितरण पर विभाग द्वारा विशेष बल दिया जा रहा है.
2021 तक पूरा होगी सरयू नहर परियोजना
सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना प्रदेश के ट्रांस घाघरा क्षेत्र के जनपद बहराइच और गोंडा में है. किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य घाघरा कैनाल के नाम से परियोजना प्रारंभ की गई है. इस परियोजना से प्रदेश के नौ जनपदों के 14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी. इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य मार्च 2021 रखा गया है.
यह जनपद होंगे लाभान्वित
सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना से उत्तर प्रदेश के नौ जनपद लाभान्वित होंगे. जिसमें बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थ नगर, महाराजगंज, गोरखपुर को सिंचाई सुविधा मिलेगी.
गन्ना किसानों को लेकर गंभीर है सरकार
बताते चलें कि प्रदेश सरकार गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है. यही कारण है कि गन्ना किसानों को कोई समस्या न हो, इसको लेकर मंत्री से लेकर अधिकारी तक लगातार बैठक कर रहे हैं. जिससे गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा सके और इन बैठकों का असर यह है कि आज चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया है.