लखनऊ : उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग कल नए सिरे से पुनर्गठन किया जाएगा. आयोग के 8 सदस्यों में से 24 जनवरी के बाद केवल दो ही सदस्य शेष बचेंगे. ऐसे में जीने सदस्यों का चयन सरकार करेगी. फरवरी आते-आते आयोग का पुनर्गठन हो जाएगा. लोकसभा चुनाव से पहले अंतिम साल में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से हजारों भर्तियां की जानी हैं. ऐसे में जल्द से जल्द आयोग के पुनर्गठन को लेकर सरकार तैयारी कर रही है. 24 जनवरी के बाद कभी भी पुनर्गठन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. Upsssc के जरिए विभिन्न विभागों में लिपिकीय संवर्ग की हजारों भर्तियां की जा रही हैं. हालांकि समय-समय पर आयोग स्टाॅफ और सदस्यों को लेकर संकट में रहता है. ऐसे में अब सरकार पर आयोग के पुनर्गठन को लेकर जबरदस्त दबाव बना हुआ है.
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में नए सदस्यों की नियुक्ति होगी. 24 जनवरी को तीन सदस्य सेवानिवृत्त हो जाएंगे. उसके बाद में केवल दो ही सदस्य शेष बचेंगे. आयोग में एक अध्यक्ष और 8 सदस्यों के पद हैं. सदस्य के तीन पद पहले से खाली हैं. मौजूदा सदस्यों में से अरुण सिंह सीमा रानी और अशोक अग्रवाल सेवानिवृत्त हो जाएंगे.शासन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यूपी के संभल की अनेक भर्तियों में गड़बड़ियों के चलते युक्तियां रुकी हुई है जिससे युवाओं में आक्रोश है. सरकार वैसे तो 5 लाख रोजगार देने का दावा कर रही है. मगर आयोग में सदस्य और स्टाफ की कमी के चलते संकट भी बने रहते हैं.
शासन के सूत्रों ने बताया कि फरवरी तक आयोग में 6 नए सदस्य हो जाएंगे. इसके बाद में अगले सात आठ महीने तक सरकार अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड के जरिए हजारों नई भर्तियों की अधिसूचना करेगी. उत्तर प्रदेश के युवाओं को बहुत मौका मिलना है. अपनी इसी एजेंटों को लेकर सरकार लोकसभा चुनाव में भी जाएगी. ताकि विपक्ष जो बेरोजगारी का मुद्दा उठाता है उस पर आसानी से पलटवार किया जा सके. ऐसे में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पुनर्गठन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होगी.