लखनऊ : यूपी के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले छात्रों को विषम से सम सेमेस्टर में अनिवार्य रूप से प्रमोट किया जाएगा. अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. इसके मुताबिक, आतंरिक मूल्यांकन में अनुपस्थिति पर शून्य अंक ही मिलेंगे. विद्यार्थी को विषम सेमेस्टर से सम सेमेस्टर में अनिवार्य रूप से प्रोन्नत किया जाएगा चाहे विषम सेमेस्टर का परिणाम कुछ भी हो. हालांकि सम से विषम सेमेस्टर में प्रोन्नति कुछ शर्तों के साथ दी जाएगी.
यह व्यवस्था की गई है लागू : आतंरिक परीक्षा के लिए बैक पेपर या सुधार की परीक्षा नहीं होगी. केवल पूर्ण सेमेस्टर को बैक पेपर में देने की स्थिति में आतंरिक मूल्यांकन किया जा सकेगा. सम सेमेस्टर का बैक पेपर सम सेमेस्टर, विषम सेमेस्टर का विषम सेमेस्टर में ही दिया जा सकेगा. किसी भी एक साल को पूरा करने की अवधि तीन वर्ष होगी मसलन तीन वर्ष के कोर्स के लिए अधिकतम नौ वर्ष दिए जाएंगे. यदि कोई विद्यार्थी एक साल की पढ़ाई कर सर्टिफिकेट लेकर छोड़ देगा और वापस पढ़ने आएगा तो एक वर्ष की पढ़ाई के लिए अधिकतम तीन वर्ष दिए जाएंगे.
यह भी पढ़ें- असम पुलिस के एनकाउंटर में मारे गए मेरठ के बंजारा बंधु के थे ISI आतंकियों से कनेक्शन
नई शिक्षा प्रणाली के अनुरूप हो रहे बदलाव : उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा में नई शिक्षा प्रणाली के अनुरूप बड़े बदलावों की तैयारी है. इसके तहत एक ओर जहां चार साल के यूजी प्रोग्राम की व्यवस्था लखनऊ विश्वविद्यालय में शुरू की गई है तो वहीं कई अन्य राज्य विश्वविद्यालयों में भी बदलाव किए जा रहे हैं.
पास करने का समय : वहीं, कोर्स पूरा करने के संबंध में भी निर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत यदि विद्यार्थी सततता में तीनों वर्ष की पढ़ाई करता है तो उसे अधिकतम नौ वर्ष मिलेंगे. लेकिन यदि विद्यार्थी किसी एक वर्ष का सर्टिफिकेट/डिप्लोमा लेकर चला जाता है तो वह बाकी के वर्षों की पढ़ाई दोबारा शुरू करने के लिए कभी भी वापस आ सकता है. साथ ही उसे आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए तीन साल मिलेंगे.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप