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राजभर ने मायावती को विपक्ष का PM प्रत्याशी घोषित करने को कहा तो सुभासपा कार्यालय पहुंचे योगी के मंत्री

उत्तर प्रदेश की राजनीति में कौन नेता चुनाव में किस करवट बैठेगा इसका कयास लगाना बेमानी है. बहरहाल गुरुवार को सुभासपा सुप्रीमो ओम प्रकाश राजभर के बयान से भाजपाई खेमे में खलबली मच गई. उनके बयान देने के कुछ देर बाद ही योगी सरकार में मंत्री दयाशंकर सिंह राजभर के कार्यालय पहुंच गए.

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Published : Mar 30, 2023, 5:15 PM IST

लखनऊ : सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक होने के लिए आमंत्रित किया है. राजभर के इस बयान के कुछ ही देर बाद योगी सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह राजभर से मिलने सुभासपा कार्यालय पहुंच गए. राजभर के बयान के बाद राज्य में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सुप्रीमो ओम प्रकाश राजभर ने गुरुवार को कहा है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ गोल बना रहे हैं. अलग अलग राज्यों में जाकर नेताओं से मिल रहे हैं. अगर यही करना है तो बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित करो. अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और सोनिया गांधी को मिल कर मायावती से मिलना चाहिए और उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के लिए कहें. क्योंकि पीएम की कुर्सी पर अगड़ा और पिछड़ा बैठ चुका है अब दलित की बेटी की बारी है.

मायावती को गठबंधन का पीएम प्रत्याशी घोषित करने का बयान देते ही यूपी की राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां बढ़ गईं. राजभर के बयान देते ही सुभासपा के लखनऊ में पार्क रोड स्थित प्रदेश कार्यालय में योगी सरकार के परिवहन मंत्री व बीजेपी के कद्दावर नेता दया शंकर सिंह अचानक पहुंच गए. दयाशंकर सिंह सीधे ओपी राजभर के चैंबर पहुंचे और बंद कमरे में बातचीत शुरू कर दी. माना जा रहा है कि जब 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक बार फिर मोदी सरकार के लिए अपनी तैयारियों में जुटी है. उस समय बीजेपी के करीब आ रहे ओपी राजभर का ये दलित कार्ड भारतीय जनता पार्टी के लिए समस्या खड़ी कर सकता है. ऐसे में दया शंकर राजभर से मिलने पहुंचे हैं.

यह भी पढ़ें : प. बंगाल पंचायत चुनाव की घोषणा से पहले सुवेंदु अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

लखनऊ : सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक होने के लिए आमंत्रित किया है. राजभर के इस बयान के कुछ ही देर बाद योगी सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह राजभर से मिलने सुभासपा कार्यालय पहुंच गए. राजभर के बयान के बाद राज्य में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सुप्रीमो ओम प्रकाश राजभर ने गुरुवार को कहा है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ गोल बना रहे हैं. अलग अलग राज्यों में जाकर नेताओं से मिल रहे हैं. अगर यही करना है तो बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित करो. अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और सोनिया गांधी को मिल कर मायावती से मिलना चाहिए और उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के लिए कहें. क्योंकि पीएम की कुर्सी पर अगड़ा और पिछड़ा बैठ चुका है अब दलित की बेटी की बारी है.

मायावती को गठबंधन का पीएम प्रत्याशी घोषित करने का बयान देते ही यूपी की राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां बढ़ गईं. राजभर के बयान देते ही सुभासपा के लखनऊ में पार्क रोड स्थित प्रदेश कार्यालय में योगी सरकार के परिवहन मंत्री व बीजेपी के कद्दावर नेता दया शंकर सिंह अचानक पहुंच गए. दयाशंकर सिंह सीधे ओपी राजभर के चैंबर पहुंचे और बंद कमरे में बातचीत शुरू कर दी. माना जा रहा है कि जब 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक बार फिर मोदी सरकार के लिए अपनी तैयारियों में जुटी है. उस समय बीजेपी के करीब आ रहे ओपी राजभर का ये दलित कार्ड भारतीय जनता पार्टी के लिए समस्या खड़ी कर सकता है. ऐसे में दया शंकर राजभर से मिलने पहुंचे हैं.

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