लखनऊ: एमबीबीएस सीटों की काउंसलिंग के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में इन सीटों पर अधिकतर छात्रों ने दाखिला ले लिया है. संस्थान के पास हॉस्टल की कमी के चलते इन छात्रों के सामने रुकने की गंभीर समस्या पैदा हो गई है. उनके सामने हॉस्टल का खतरा मंडरा रहा है.
संस्थान में लगातार बढ़ रही है एमबीबीएस सीटों की संख्या
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में सन 2017 की एमबीबीएस की कक्षाएं चल रही है. इसमें 150 एमबीबीएस की सीटों पर एडमिशन लिए गए थे, तो वहीं सरकार की तरफ से इन सीटों का आंकड़ा 200 कर दिया गया है. फिलहाल अभी तक एमबीबीएस के 3 बैच आ चुके हैं, चौथे बैच के 200 छात्र-छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी.
अधूरी पड़ी हैं छात्रों को रोकने वाली योजनाएं
एमबीबीएस के पुराने और नए छात्रों के रुकने की व्यवस्था के लिए कई योजनाएं चलाई गई थी, इसमें न्यू कैंपस में हॉस्टल के लिए 14 मंजिला टावर का निर्माण किया जाना था. इसके निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था को 30 जून का समय दिया गया था, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ. इसके साथ ही शहीद पथ पर अवध विहार योजना में 40 फ्लैट का टाॅवर किराए पर लेने की योजना था. दोनों ही योजनाएं अभी अधूरी है.
अधूरी योजनाओं के लिए वित्त विभाग से लेनी होगी मंजूरी
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस की सीटों पर अधिकतर छात्रों ने एडमिशन ले लिए हैं. जबकि अभी भी कई सीटें खाली पड़ी हुई है, लेकिन अभी तक न्यू कैंपस में हॉस्टल के टाॅवर बनाने का काम अधूरा पड़ा हुआ है. ऐसे में एमबीबीएस की सीटों पर दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए रुकने की गंभीर समस्या सामने आ गई है. संस्थान की तरफ से नए और पुराने छात्रों के ठहरने के लिए योजनाएं बनाई गई थी. इन योजनाओं में अवध बिहार योजना भी शामिल है, योजना के अनुसार यहां पर 40 फ्लैट का टाॅवर किराए पर लिया जाना था. फिलहाल अभी तक फ्लैट वाला प्लान फाइनल नहीं किया गया है. इस मामले पर संस्थान के कार्यवाहक निदेशक डॉक्टर एके सिंह के मुताबिक फ्लैट का किराया देने के लिए वित्त विभाग से मंजूरी लेनी होगी.