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लखनऊ : दृष्टिहीन छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन, व्यवस्थाओं को लेकर विश्वविद्यालय को घेरा - लखनऊ समाचार

उत्तर प्रदेश की राजधानी में डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के दृष्टिहीन छात्रों ने गंभीर आरोप लगाते हुए बुधवार को धरना प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षा, आवास व भोजन की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध कराना है लेकिन हमसें पैसे वसूले जाते है.

दृष्टिहीन छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन
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Published : Oct 4, 2019, 1:21 PM IST

लखनऊ: राजधानी के मोहान रोड स्थित डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में दृष्टिहीन छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षा, आवास व भोजन की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध कराने का दावा करता है लेकिन छात्रों से इसके एवज में पैसे वसूले जाते हैं. छात्रों का आरोप है कि बीते वर्ष 2017 को मांग पत्र सौंपा गया था, फिर साल 2019 को 18 सूत्रीय मांग पत्र दिया गया लेकिन, अभी तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई है. इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन सामने बोलने से बचता रहा है.

दृष्टिहीन छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन

छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर कहा कि उन्हे विश्वविद्यालय में ब्रेल लिपि की पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं. ऑडियो डिवाइस उपलब्ध कराया जाए. छात्रावास की फीस एक हजार रुपये वापस करने कराई जाए. 18 सूत्रीय मांग को लेकर आक्रोशित छात्रों ने बुधवार को नारेबाजी की.

हम लोग इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं कि हम लोगों के लिए न तो शिक्षा की सुविधा है, न तो आवास की. जहां हम लोग रह रहे हैं वहां का माहौल हम लोगों के अनुकूल नहीं है. हम लोगों के लिए पढ़ने के लिए पुस्तक नहीं है. भोजन, आवास व शिक्षा की व्यवस्था निशुल्क है. इसके बाद भी हम लोगों से पूरी फीस ली जाती है.
दृष्टिहीन छात्र, शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय

लखनऊ: राजधानी के मोहान रोड स्थित डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में दृष्टिहीन छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षा, आवास व भोजन की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध कराने का दावा करता है लेकिन छात्रों से इसके एवज में पैसे वसूले जाते हैं. छात्रों का आरोप है कि बीते वर्ष 2017 को मांग पत्र सौंपा गया था, फिर साल 2019 को 18 सूत्रीय मांग पत्र दिया गया लेकिन, अभी तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई है. इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन सामने बोलने से बचता रहा है.

दृष्टिहीन छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन

छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर कहा कि उन्हे विश्वविद्यालय में ब्रेल लिपि की पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं. ऑडियो डिवाइस उपलब्ध कराया जाए. छात्रावास की फीस एक हजार रुपये वापस करने कराई जाए. 18 सूत्रीय मांग को लेकर आक्रोशित छात्रों ने बुधवार को नारेबाजी की.

हम लोग इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं कि हम लोगों के लिए न तो शिक्षा की सुविधा है, न तो आवास की. जहां हम लोग रह रहे हैं वहां का माहौल हम लोगों के अनुकूल नहीं है. हम लोगों के लिए पढ़ने के लिए पुस्तक नहीं है. भोजन, आवास व शिक्षा की व्यवस्था निशुल्क है. इसके बाद भी हम लोगों से पूरी फीस ली जाती है.
दृष्टिहीन छात्र, शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय

Intro:नोट : आखिरी के विजुअल में प्राक्टर वीके सिंह हैं।

शिक्षा, आवास व भोजन की व्यवस्था सरकार की ओर से निशुल्क, विश्वविद्यालय प्रशासन लेता है शुल्क

शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय के दृष्टिहीन छात्रों ने लगाए गंभीर आरोप, मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

लखनऊ। राजधानी के मोहान रोड स्थित डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में दृष्टिहीन छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षा, आवास व भोजन की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध कराने का दावा करता है लेकिन, छात्रों से इसके एवज में पैसे वसूले जाते हैं। छात्रों का आरोप है कि बीते वर्ष 2017 को मांग पत्र सौंपा गया था, फिर 2019 को दिया गया लेकिन, अभी तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन कैमरे के सामने बोलने से बचता रहा।


Body:विश्वविद्यालय में ब्रेल लिपि की पुस्तकें उपलब्ध कराई जाए, ऑडियो डिवाइस उपलब्ध कराया जाए, छात्रावास की फीस ₹1000 वापस करने को कहा था वापस की जाए समेत कई मांगों को लेकर आक्रोशित छात्रों ने बुधवार को नारेबाजी की।

बाइट वन- दृष्टिहीन छात्र, शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय

हम लोग इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं कि हम लोगों के लिए न तो शिक्षा की सुविधा है, न तो आवास की सुविधा सही से है। जहां हम लोग रह रहे हैं वहां का माहौल हम लोगों के अनुकूल है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है हम लोगों के लिए पढ़ने के लिए पुस्तक नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन हर बार इस बात को चिल्लाता है की भोजन, आवास व शिक्षा की व्यवस्था आप लोगों के लिए निशुल्क है उसके बाद भी हम लोगों से पूरी फीस ली जाती है। 2017 में हम लोगों ने आंदोलन किया था उसमें कहा गया था कि आप लोगों के लिए 3 माह में टॉकिंग बुक लाइब्रेरी इस्टैबलिश्ड कर दी जाएगी। आज 2 साल कुछ महीने हो रहे हैं विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी बात से मुकर गया है।






Conclusion:राहुल श्रीवास्तव, लखनऊ
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