लखनऊ: चांद पर भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 अंतरिक्ष के लिए रवाना हो चुका है. चंद्रयान-2 का यह सफर 48 दिनों तक चलेगा और इसके बाद वह चांद पर उतरेगा. भारत की इस कामयाबी पर लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों में काफी उत्साह है. उनका कहना है कि भारत नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है.
- दरअसल इसरो द्वारा पहले 15 जुलाई को चंद्रयान-2 लांच होना था, लेकिन कुछ तकनीकी गड़बड़ी आने के बाद चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण रोक दिया गया था.
- 22 जुलाई को चंद्रयान-2 आन्ध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लांच कर दिया गया.
- लखनऊ विश्वविद्यालय के अलग-अलग विभागों के छात्र चंद्रयान 2 के लांच होने पर काफी उत्साहित हैं.
- छात्र इसे भारत की नई कामयाबी के रूप में देख रहे हैं.
महिलाओं की 30% भूमिका:
- मिशन चंद्रयान-2 में 30% महिलाएं भी काम कर रहीं हैं, साथ ही इस प्रोजेक्ट की निदेशक भी एक महिला हैं.
- इस बारे में विश्वविद्यालय की छात्राओं का कहना है कि इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा.
- ये उन लोगों के लिए बहुत बड़ी सीख है, जो अपनी बेटियों को ज्यादा पढ़ाने का विरोध करते हैं.
युवाओं में इस बात का खासा उत्साह है कि चंद्रयान के पुर्जे और तकनीक स्वदेशी हैं. उनका कहना है कि इससे अब भारत विदेशों पर आश्रित नहीं रहेगा, साथ ही हमारे देश का कीर्तिमान और अधिक बढ़ेगा.