ETV Bharat / state

कोरोना से जंग में डटे ये योद्धा, बोले- परिजन नहीं आने देते घर के अंदर

कोरोना का कहर लगातार जारी है. हर कोई अपने स्तर पर एक योद्धा की तरह इससे युद्ध लड़ रहा है. ऐसे ही कोरोना योद्धा हैं एंबुलेस चालक. ईटीवी भारत ने राजधानी लखनऊ में तैनात एंबुलेंस चालकों से उनकी तमाम समस्याओं और उनके काम करने के तरीकों को लेकर खास बातचीत की. देखिए यह रिपोर्ट...

ambulance drivers during lockdown in lucknow
कोरोना से जंग में डटे एंबुलेंस ड्राइवर
author img

By

Published : Apr 11, 2020, 7:00 PM IST

लखनऊ: देश में कोरोना महामारी फैलने के बाद से ही हर स्तर पर तमाम योद्धा इसको परास्त करने में लगे हुए हैं. हर कोई अपने स्तर पर इस महामारी से लड़ रहा है. ऐसे ही एक योद्धा एंबुलेंस चालक भी हैं, जो कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को अस्पताल पहुंचाते हैं और वहां से डिस्चार्ज होने पर उन्हें वापस भी ले जाते हैं. इस दौरान वे अपनी जान हथेली पर रखकर कोरोना से दो-दो हाथ कर रहे हैं.

देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

कोरोना महामारी के दौरान एंबुलेंस चालक तमाम जोखिम के होने के बावजूद हर स्तर पर अपनी सेवाएं देने के लिए लगातार 24 घंटे डटे रहते हैं. कब, कहां और कैसे निर्देश आ जाए, इसके लिए एंबुलेंस चालक हर समय अपनी एंबुलेंस के साथ तैनात रहते हैं और तुरंत ही मौके पर पहुंचकर सैंपल लेने से लेकर संदिग्ध मरीज को लाने, ले जाने का काम भी इनके द्वारा किया जाता है.

हालात बिल्कुल वैसे ही हैं, जैसे देश की सीमा पर देश के जवान भारत की रक्षा कर रहे हैं. वैसे ही देश के अंदर यह कोरोना योद्धा लोगों को कोरोना से बचाने के लिए जंग लड़ रहे हैं. इनके लिए हालात अपने कर्तव्य निभाने के लिए बहुत मुश्किल हैं. ऐसे में जब एंबुलेंस चालक अपने घर भी जाते हैं तो घर पर भी इन्हें बाहर ही रहना पड़ता है.

लॉकडाउन: ब्लड बैंकों का स्टॉक हुआ आधा, नहीं हो रहा रक्तदान

ईटीवी भारत से बातचीत में एंबुलेंस चालकों ने बताया कि घर वाले भी उन्हें मना करते हैं कि वे इस काम को छोड़ दें, लेकिन मजबूरी में वे यह काम कर रहे हैं. इस दौरान आने वाले चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर बताते हैं कि कभी-कभी ऐसे लोगों के पास पुलिस को भी साथ लेकर जाना होता है, जो अपना सैंपल नहीं देते हैं.

लखनऊ: देश में कोरोना महामारी फैलने के बाद से ही हर स्तर पर तमाम योद्धा इसको परास्त करने में लगे हुए हैं. हर कोई अपने स्तर पर इस महामारी से लड़ रहा है. ऐसे ही एक योद्धा एंबुलेंस चालक भी हैं, जो कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को अस्पताल पहुंचाते हैं और वहां से डिस्चार्ज होने पर उन्हें वापस भी ले जाते हैं. इस दौरान वे अपनी जान हथेली पर रखकर कोरोना से दो-दो हाथ कर रहे हैं.

देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

कोरोना महामारी के दौरान एंबुलेंस चालक तमाम जोखिम के होने के बावजूद हर स्तर पर अपनी सेवाएं देने के लिए लगातार 24 घंटे डटे रहते हैं. कब, कहां और कैसे निर्देश आ जाए, इसके लिए एंबुलेंस चालक हर समय अपनी एंबुलेंस के साथ तैनात रहते हैं और तुरंत ही मौके पर पहुंचकर सैंपल लेने से लेकर संदिग्ध मरीज को लाने, ले जाने का काम भी इनके द्वारा किया जाता है.

हालात बिल्कुल वैसे ही हैं, जैसे देश की सीमा पर देश के जवान भारत की रक्षा कर रहे हैं. वैसे ही देश के अंदर यह कोरोना योद्धा लोगों को कोरोना से बचाने के लिए जंग लड़ रहे हैं. इनके लिए हालात अपने कर्तव्य निभाने के लिए बहुत मुश्किल हैं. ऐसे में जब एंबुलेंस चालक अपने घर भी जाते हैं तो घर पर भी इन्हें बाहर ही रहना पड़ता है.

लॉकडाउन: ब्लड बैंकों का स्टॉक हुआ आधा, नहीं हो रहा रक्तदान

ईटीवी भारत से बातचीत में एंबुलेंस चालकों ने बताया कि घर वाले भी उन्हें मना करते हैं कि वे इस काम को छोड़ दें, लेकिन मजबूरी में वे यह काम कर रहे हैं. इस दौरान आने वाले चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर बताते हैं कि कभी-कभी ऐसे लोगों के पास पुलिस को भी साथ लेकर जाना होता है, जो अपना सैंपल नहीं देते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.