ETV Bharat / state

ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के लिए लोहिया संस्थान में बनाया गया स्ट्रोक रेडी सेंटर - यूपी की खबरें

ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदेश में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज बढ़ने लगते हैं. इसको देखते हुए लखनऊ के लोहिया चिकित्सा संस्थान में स्ट्रोक रेडी सेंटर बनाया गया है. इसके अलावा गंभीर मरीजों के उपचार में मददगार डीएसए लैब की भी व्यवस्था की गई है. इससे ब्रेन स्ट्रोक के गंभीर मरीजों को भी बचाया जा सकेगा.

Lucknow news
गंभीर मरीजों के उपचार में मददगार डीएसए लैब की भी व्यवस्था की गई है.
author img

By

Published : Nov 2, 2020, 7:42 PM IST

लखनऊ: स्ट्रोक के मरीजों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएं, इसके लिए लोहिया संस्थान द्वारा स्ट्रोक रेडी सेंटर तैयार किया जा रहा है. इससे स्ट्रोक के मरीजों को समय रहते बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं संस्थान में मिल पाएंगी.

ठंड में बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

अक्सर दिवाली के बाद से ठंड पूरे उत्तर भारत में तेजी के साथ अपना प्रकोप दिखाती है. इसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में बढ़ोतरी होने लगती है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लोहिया संस्थान में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए स्ट्रोक रेडी सेंटर बनाया गया है. यहां 24 घंटे ब्रेन स्ट्रोक का इलाज मिलता रहेगा.

3 सरकारी चिकित्सा संस्थानों में मिलता है इलाज

राजधानी लखनऊ के 3 सरकारी चिकित्सा संस्थानों में स्ट्रोक के मरीजों को इलाज दिया जाता है. इसके अलावा भर्ती भी किया जाता है. इस कड़ी में पीजीआई, लोहिया संस्थान और केजीएमयू वे चिकित्सा संस्थान हैं, जहां पर 24 घंटे स्ट्रोक के मरीजों को इलाज मिलता है. इससे समय रहते उनको चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएंगी और उन्हें स्ट्रोक के प्रभाव से बचाया जा सकेगा.

स्ट्रोक रेडी सेंटर में खून के थक्के हटाने की व्यवस्था

स्ट्रोक रेडी सेंटर में स्ट्रोक के मरीजों के दिमाग में खून के थक्के जम जाते हैं. इन्हीं को यदि समय पर नहीं हटाया जाता, तो यह स्ट्रोक को काफी मात्रा में पैदा कर देते हैं. इसकी वजह से मरीज गंभीर दिमागी बीमारियों से पीड़ित हो जाता है. स्ट्रोक के मरीज की छोटी धमनी और बड़ी धमनी में जमे थक्के के लिए डीएसए लैब में समयगत पुष्टि पा सकते हैं. इसके लिए यहां इंटरनेशनल मानकों के आधार पर स्ट्रोक रेडी सेंटर कार्य करेगा. इससे ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएंगी.

डीएसए लैब से ब्रेन स्ट्रोक के गंभीर मरीजों का इलाज भी संभव
ठंड बढ़ने पर ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की बढ़ोतरी सामान्य बात है. ब्रेन स्ट्रोक कई स्तर के होते हैं. ऐसे में गंभीर ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, इसके लिए अस्पतालों में डीएसए लैब की व्यवस्था होना जरूरी होता है. यदि चिकित्सा संस्थानों में डीएसए लैब नहीं होते, तो ब्रेन स्ट्रोक के गंभीर मरीजों की जान दांव पर लग जाती है. इन्हीं बात को ध्यान में रखते हुए लोहिया संस्थान में डीएसए लैब की व्यवस्था की गई है. इससे ब्रेन स्ट्रोक के गंभीर मरीजों को भी बचाया जा सकेगा.

लखनऊ: स्ट्रोक के मरीजों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएं, इसके लिए लोहिया संस्थान द्वारा स्ट्रोक रेडी सेंटर तैयार किया जा रहा है. इससे स्ट्रोक के मरीजों को समय रहते बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं संस्थान में मिल पाएंगी.

ठंड में बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

अक्सर दिवाली के बाद से ठंड पूरे उत्तर भारत में तेजी के साथ अपना प्रकोप दिखाती है. इसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में बढ़ोतरी होने लगती है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लोहिया संस्थान में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए स्ट्रोक रेडी सेंटर बनाया गया है. यहां 24 घंटे ब्रेन स्ट्रोक का इलाज मिलता रहेगा.

3 सरकारी चिकित्सा संस्थानों में मिलता है इलाज

राजधानी लखनऊ के 3 सरकारी चिकित्सा संस्थानों में स्ट्रोक के मरीजों को इलाज दिया जाता है. इसके अलावा भर्ती भी किया जाता है. इस कड़ी में पीजीआई, लोहिया संस्थान और केजीएमयू वे चिकित्सा संस्थान हैं, जहां पर 24 घंटे स्ट्रोक के मरीजों को इलाज मिलता है. इससे समय रहते उनको चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएंगी और उन्हें स्ट्रोक के प्रभाव से बचाया जा सकेगा.

स्ट्रोक रेडी सेंटर में खून के थक्के हटाने की व्यवस्था

स्ट्रोक रेडी सेंटर में स्ट्रोक के मरीजों के दिमाग में खून के थक्के जम जाते हैं. इन्हीं को यदि समय पर नहीं हटाया जाता, तो यह स्ट्रोक को काफी मात्रा में पैदा कर देते हैं. इसकी वजह से मरीज गंभीर दिमागी बीमारियों से पीड़ित हो जाता है. स्ट्रोक के मरीज की छोटी धमनी और बड़ी धमनी में जमे थक्के के लिए डीएसए लैब में समयगत पुष्टि पा सकते हैं. इसके लिए यहां इंटरनेशनल मानकों के आधार पर स्ट्रोक रेडी सेंटर कार्य करेगा. इससे ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएंगी.

डीएसए लैब से ब्रेन स्ट्रोक के गंभीर मरीजों का इलाज भी संभव
ठंड बढ़ने पर ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की बढ़ोतरी सामान्य बात है. ब्रेन स्ट्रोक कई स्तर के होते हैं. ऐसे में गंभीर ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, इसके लिए अस्पतालों में डीएसए लैब की व्यवस्था होना जरूरी होता है. यदि चिकित्सा संस्थानों में डीएसए लैब नहीं होते, तो ब्रेन स्ट्रोक के गंभीर मरीजों की जान दांव पर लग जाती है. इन्हीं बात को ध्यान में रखते हुए लोहिया संस्थान में डीएसए लैब की व्यवस्था की गई है. इससे ब्रेन स्ट्रोक के गंभीर मरीजों को भी बचाया जा सकेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.