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लोगों ने कहा- ट्रैफिक नियमों को सख्ती तो ठीक लेकिन चालान की दरें होनी चाहिए कम

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Published : Sep 14, 2019, 9:05 AM IST

उत्तर प्रदेश के नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू होने के बाद राजधानी लखनऊ में इसका असर देखा जा रहा है. लोग घंटों लाइन में लगकर अपने कागजों को दुरुस्त करा रहे हैं. वहीं बड़ी संख्या में लोग अब मोटरसाइकिल पर हेलमेट और कार में सीट बेल्ट लगा कर चल रहे हैं.

नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू होने के बाद राजधानी लखनऊ में इसका असर देखा जा रहा है.

लखनऊ: एसपी ट्रैफिक पुलिस का मानना है कि नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 को लेकर बदलाव देखा जा रहा है. एसपी ट्रैफिक का कहना है कि नई दरों के लागू होने के बाद चालान की संख्या में कमी आई है. वहीं लोग अब पहले की अपेक्षा अधिक ट्रैफिक नियमों का पालन करते दिख रहे हैं.

नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 का दिख रहा असर.
संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 2019 को लेकर आम जनता से बातचीत-

जहां कुछ लोग इसे ट्रैफिक सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं. तो वहीं कुछ लोग इस कदम की आलोचना भी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि ट्रैफिक नियमों को फॉलो कराने के लिए सख्ती की आवश्यकता थी. पुलिस को सख्ती जरूर करनी चाहिए लेकिन जिस तरीके से चालान की दरों को बढ़ाया गया है वह गलत है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति किसी मजबूरी मे किसी नियम की अनदेखी करता है और उसका चालान हो जाता है. तो चालान छुड़ाने के लिए भुगतान के लिए मोटी रकम देनी पड़ेगी. यह रकम इतनी है कि एक आम आदमी के परिवार के मासिक बजट को प्रभावित कर सकती है.

चप्पल बरमूडा पहनकर गाड़ी चलाने पर भी कट सकता है चालान-
ऐसे में एक चालान से एक व्यक्ति का पूरे महीने का बजट बिगड़ सकता है. लिहाजा चालान की दर इतनी अधिक नहीं होनी चाहिए. लोगों का कहना है कि इस बार चर्चाए हो रही है कि चप्पल बरमूडा पहनकर गाड़ी चलाने पर भी चालान काटा जाएगा. ऐसा नहीं होना चाहिए सामान्यता लोग घर आने जाने या निजी कार्यों के लिए हवाई चप्पल या बरमूडा पहनकर आते जाते हैं. ऐसे में हर बार गाड़ी चलाते समय जूते वह पॅन्ट पहन पाना संभव नहीं है. ऐसे नियमों को कड़ाई से नहीं लागू करना चाहिए. लोगों का कहना है कि कई बार मजबूरी के चलते कुछ लोग हेलमेट नहीं लगा पाते हैं. ऐसे में ट्रैफिक पुलिस को चालान करने से पहले उनकी मजबूरी को समझना चाहिए.

इसे भी पढ़ें-बदायूं: मंत्री जी ने ट्रैफिक का पढ़ाया पाठ, सांसद ने नियमों की उड़ाई धज्जियां

नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के लागू होने के बाद चालानों की संख्या में कमी आई है. पहले दिन में 1000 से 1100 के बीच चालान होते थे, वहीं अब मात्र 800 चालान हो रहे हैं. पहले की अपेक्षा अब लोग अधिक ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए नजर आ रहे हैं.
-पूर्णेन्दु सिंह, एसपी ट्रैफिक

लखनऊ: एसपी ट्रैफिक पुलिस का मानना है कि नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 को लेकर बदलाव देखा जा रहा है. एसपी ट्रैफिक का कहना है कि नई दरों के लागू होने के बाद चालान की संख्या में कमी आई है. वहीं लोग अब पहले की अपेक्षा अधिक ट्रैफिक नियमों का पालन करते दिख रहे हैं.

नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 का दिख रहा असर.
संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 2019 को लेकर आम जनता से बातचीत-

जहां कुछ लोग इसे ट्रैफिक सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं. तो वहीं कुछ लोग इस कदम की आलोचना भी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि ट्रैफिक नियमों को फॉलो कराने के लिए सख्ती की आवश्यकता थी. पुलिस को सख्ती जरूर करनी चाहिए लेकिन जिस तरीके से चालान की दरों को बढ़ाया गया है वह गलत है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति किसी मजबूरी मे किसी नियम की अनदेखी करता है और उसका चालान हो जाता है. तो चालान छुड़ाने के लिए भुगतान के लिए मोटी रकम देनी पड़ेगी. यह रकम इतनी है कि एक आम आदमी के परिवार के मासिक बजट को प्रभावित कर सकती है.

चप्पल बरमूडा पहनकर गाड़ी चलाने पर भी कट सकता है चालान-
ऐसे में एक चालान से एक व्यक्ति का पूरे महीने का बजट बिगड़ सकता है. लिहाजा चालान की दर इतनी अधिक नहीं होनी चाहिए. लोगों का कहना है कि इस बार चर्चाए हो रही है कि चप्पल बरमूडा पहनकर गाड़ी चलाने पर भी चालान काटा जाएगा. ऐसा नहीं होना चाहिए सामान्यता लोग घर आने जाने या निजी कार्यों के लिए हवाई चप्पल या बरमूडा पहनकर आते जाते हैं. ऐसे में हर बार गाड़ी चलाते समय जूते वह पॅन्ट पहन पाना संभव नहीं है. ऐसे नियमों को कड़ाई से नहीं लागू करना चाहिए. लोगों का कहना है कि कई बार मजबूरी के चलते कुछ लोग हेलमेट नहीं लगा पाते हैं. ऐसे में ट्रैफिक पुलिस को चालान करने से पहले उनकी मजबूरी को समझना चाहिए.

इसे भी पढ़ें-बदायूं: मंत्री जी ने ट्रैफिक का पढ़ाया पाठ, सांसद ने नियमों की उड़ाई धज्जियां

नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के लागू होने के बाद चालानों की संख्या में कमी आई है. पहले दिन में 1000 से 1100 के बीच चालान होते थे, वहीं अब मात्र 800 चालान हो रहे हैं. पहले की अपेक्षा अब लोग अधिक ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए नजर आ रहे हैं.
-पूर्णेन्दु सिंह, एसपी ट्रैफिक

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लखनऊ। नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू होने के बाद राजधानी लखनऊ में इसका असर देखा जा रहा है। लोग घंटों लाइन में लगकर अपने कागजों को दुरुस्त करा रहे हैं तो वहीं बड़ी संख्या में लोग अब मोटरसाइकिल पर हेलमेट व कार में सीट बेल्ट लगा कर चल रहे हैं। लखनऊ एसपी ट्रैफिक पुलिस का भी मानना है कि नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 को लेकर बदलाव देखा जा रहा है एसपी ट्रैफिक का कहना है कि नई दरों के लागू होने के बाद चालान की संख्या में कमी आई है वही लोग अब पहले की अपेक्षा अधिक ट्रैफिक नियमों का पालन कर रहे हैं।




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संशोधित अधिनियम 2019 को लेकर जब आम जनता से बातचीत की गई तो लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आई जहां कुछ लोग इसे ट्रैफिक सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इस कदम की आलोचना भी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि ट्रैफिक नियमों को फॉलो कराने के लिए सख्ती की आवश्यकता थी। पुलिस को सख्ती जरूर करनी चाहिए लेकिन जिस तरीके से चालान की दरों को बढ़ाया गया है वह गलत है ऐसे में अगर कोई व्यक्ति किसी मजबूरी मे किसी नियम की अनदेखी करता है और उसका चालान हो जाता है तो चालान छुड़ाने के लिए भुगतान के लिए मोटी रकम देनी पड़ेगी और यह रकम इतनी है कि एक आम आदमी के परिवार के मासिक बजट को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में एक चालान से एक व्यक्ति का पूरे महीने का बजट बिगड़ सकता है। लिहाजा चालान की दर इतनी अधिक नहीं होनी चाहिए। लोगों का कहना है कि इस बार चर्चाएं हो रही है कि चप्पल बरमूडा पहनकर गाड़ी चलाने पर भी चालान काटा जाएगा। ऐसा नहीं होना चाहिए सामान्यता लोग घर आने जाने या निजी कार्यों के लिए हवाई चप्पल या बरमूडा पहनकर आते जाते हैं ऐसे में हर बार गाड़ी चलाते समय जूते वह पॅन्ट पहन पाना संभव नहीं है। ऐसे नियमों को कड़ाई से नहीं लागू करना चाहिए। लोगों का कहना है कि कई बार मजबूरी के चलते कुछ लोग हेलमेट नहीं लगा पाते हैं ऐसे में ट्रैफिक पुलिस को चालान करने से पहले उनकी मजबूरी को समझना चाहिए।


बाइट

एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह ने बताया कि नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के लागू होने के बाद चालन ओं की संख्या में कमी आई है पहले 1 दिन में 1000 से 1100 के बीच चालान होते थे वहीं अब मात्र 800 चालान हो रहे हैं वही पहले की अपेक्षा अब लोग अधिक ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए नजर आ रहे हैं।


Conclusion:संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26
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