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यूपी में डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस पर लगेगी रोक; चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश - MEDICAL NEWS

जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को 20 फरवरी तक सौंपनी है रिपोर्ट.

चिकित्सा शिक्षा विभाग
चिकित्सा शिक्षा विभाग (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 14, 2025, 9:20 AM IST

लखनऊ : चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस को लेकर प्रदेश में मामला अब तूल पकड़ रहा है. सरकारी अस्पतालों व मेडिकल संस्थान में सेवा दे रहे डॉक्टर निजी प्रैक्टिस न करें, इसको लेकर के चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निर्देश जारी कर दिया है.

आमतौर पर देखा जाता है कि सरकारी संस्थानों में चिकित्सा के पद पर कार्यरत होते हुए भी डॉक्टर निजी प्रैक्टिस करते हैं. निजी प्रैक्टिस पर लगाम लगाने के लिए यह निर्देश दिया गया है. प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को सूचित किया गया है. यदि कोई डॉक्टर सरकारी नौकरी के पद पर होते हुए निजी प्रैक्टिस कर रहा है तो उसकी शिकायत चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की दी जाएं.

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश (Photo Credit; ETV Bharat)

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को 20 फरवरी तक उन डॉक्टरों की रिपोर्ट सौंपनी है, जो कहीं निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं. इस रिपोर्ट की मदद से प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा इस मामले में हाईकोर्ट में विचाराधीन केस में अपना पक्ष रखेंगे.

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश (Photo Credit; ETV Bharat)
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश (Photo Credit; ETV Bharat)



बता दें कि हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर के पहले से केस चल रहा है. ऐसे में इस रिपोर्ट को हाई कोर्ट में पेश किया जाएगा. 27 फरवरी 2025 को सुनवाई के लिए दोबारा सूचीबद्ध होने के तहत सभी जिलाधिकारियों से अपेक्षा है कि पूर्व शासनादेश में अंकित समिति की तत्काल बैठक कर यदि कोई भी राजकीय चिकित्सा शिक्षक अथवा राजकीय चिकित्सक निजी प्रैक्टिस में लिप्त पाया जाता है तो उसके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु अपनी संस्तुति चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए ई-मेल medicaleducationsection2025@gmail.com एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के लिए ई-मेल medicalhealth2025@gmail.com पर 20 फरवरी 2025 तक उपलब्ध कराने का कष्ट करें. ताकि न केवल निजी प्रैक्टिस पर लगाम लगे बल्कि उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान कोई भी अप्रिय स्थिति उत्पन्न न होने पाएं.

यह भी पढ़ें: स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम; टीबी लाइलाज बीमारी नहीं, समय पर उपचार से होती है ठीक

यह भी पढ़ें: यूपी मदरसा बोर्ड का एग्जाम शेड्यूल जारी, जानिए कब से होंगी मुंशी-मौलवी और आलिम की परीक्षा


लखनऊ : चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस को लेकर प्रदेश में मामला अब तूल पकड़ रहा है. सरकारी अस्पतालों व मेडिकल संस्थान में सेवा दे रहे डॉक्टर निजी प्रैक्टिस न करें, इसको लेकर के चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निर्देश जारी कर दिया है.

आमतौर पर देखा जाता है कि सरकारी संस्थानों में चिकित्सा के पद पर कार्यरत होते हुए भी डॉक्टर निजी प्रैक्टिस करते हैं. निजी प्रैक्टिस पर लगाम लगाने के लिए यह निर्देश दिया गया है. प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को सूचित किया गया है. यदि कोई डॉक्टर सरकारी नौकरी के पद पर होते हुए निजी प्रैक्टिस कर रहा है तो उसकी शिकायत चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की दी जाएं.

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश (Photo Credit; ETV Bharat)

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को 20 फरवरी तक उन डॉक्टरों की रिपोर्ट सौंपनी है, जो कहीं निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं. इस रिपोर्ट की मदद से प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा इस मामले में हाईकोर्ट में विचाराधीन केस में अपना पक्ष रखेंगे.

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश (Photo Credit; ETV Bharat)
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया निर्देश (Photo Credit; ETV Bharat)



बता दें कि हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर के पहले से केस चल रहा है. ऐसे में इस रिपोर्ट को हाई कोर्ट में पेश किया जाएगा. 27 फरवरी 2025 को सुनवाई के लिए दोबारा सूचीबद्ध होने के तहत सभी जिलाधिकारियों से अपेक्षा है कि पूर्व शासनादेश में अंकित समिति की तत्काल बैठक कर यदि कोई भी राजकीय चिकित्सा शिक्षक अथवा राजकीय चिकित्सक निजी प्रैक्टिस में लिप्त पाया जाता है तो उसके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु अपनी संस्तुति चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए ई-मेल medicaleducationsection2025@gmail.com एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के लिए ई-मेल medicalhealth2025@gmail.com पर 20 फरवरी 2025 तक उपलब्ध कराने का कष्ट करें. ताकि न केवल निजी प्रैक्टिस पर लगाम लगे बल्कि उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान कोई भी अप्रिय स्थिति उत्पन्न न होने पाएं.

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