लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर मुठभेड़ मामले में चौबेपुर के एसओ विनय तिवारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. कानपुर रेंज के आईजी (पुलिस महानिरीक्षक) ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. एसटीएफ की एक टीम विनय से मुठभेड़ के संबंध में पूछताछ भी कर रही है. एसटीएफ के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार विनय तिवारी से घटना से जुड़े तीन बिंदुओं पर गहन पूछताछ की जा रही है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार विनय तिवारी से एसटीएफ इस संदर्भ में जानकारी जुटा रही है कि आखिर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक अपराधी कैसे इतने बड़े पैमाने पर हथियार जुटा रहे थे, ऐसे में थाने को जानकारी क्यों नहीं हुई और इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
घटना से ठीक 1 दिन पहले थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक झगड़ा हुआ था, जिसमें विकास दुबे का इंवॉल्वमेंट था. इस झगड़े को लेकर पुलिस की ओर से कोई मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया? घटना के दौरान बिजली विभाग को फोन करके शटडाउन कराया गया था. जिस सन्दर्भ में एसटीएफ ने जांच करते हुए बिजली विभाग के कर्मचारी से पूछताछ की है.
घटना के दौरान इंस्पेक्टर विनय तिवारी के रवैये को लेकर कायराना व्यवहार के आरोप भी लग रहे हैं. घटना के बाद से ही पुलिस इस ओर जांच कर रही थी कि आखिर पुलिस दबिश के बारे में विकास दुबे को पहले से जानकारी कैसे मिल गई? जिसके बाद पुलिस ने कई पुलिस कर्मचारियों से बातचीत की है. सर्विलांस की मदद से कई पुलिस कर्मचारियों के बारे में जानकारी मिली है कि कई पुलिस कर्मचारी विनय दुबे से फोन पर संपर्क में थे. इन सभी कर्मचारियों के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं, जिनके खिलाफ आने वाले समय में बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
कानपुर के चौबेपुर पुलिस थाना के प्रभारी रहे विनय तिवारी को विकास दुबे के घर पर दबिश में शिथिलता बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है. एसटीएफ ने विनय तिवारी को हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि विनय तिवारी ने फोन पर विकास दुबे से बात की थी. पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल का कहना है कि यदि किसी की भी इस मामले में संलिप्तता पाई गई तो उसकी बर्खास्तगी भी होगी और गिरफ्तारी भी की जाएगी.