लखनऊ: सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा के कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाए जाने के एलान के बाद से इस मामले पर कहीं समर्थन तो कहीं विरोध हो रहा है. एक तरफ दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता सुफियान निजामी ने महमूद प्राचा के कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाए जाने का समर्थन किया है तो दूसरी तरफ शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस पर सख्त जवाबी हमला किया है.
क्या है पूरा मामला-
- सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि वह 26 जुलाई को मौलाना कल्बे जव्वाद के नेतृत्व में एक कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाएंगे.
- इस कैंप में लोगों को लाइसेंसी हथियार रखने की कानूनी प्रक्रिया बताई जाएगी,
- महमूद प्राचा के इस बयान पर अब विवाद गहराता जा रहा है.
- शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि महमूद प्रचा ईरानी आतंकियों के वकील है.
- वसीम रिजवी ने शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद को ईरानी आतंकी संगठनों का एजेंट करार दिया.
- उन्होंने कहा कि ये मुसलमान और दलितों को सेल्फ डिफेंस के नाम पर आतंक से जोड़ने की प्लानिंग कर रहे है.
- रिजवी ने कहा कि असलहे चलाने की ट्रेनिंग देकर देश के माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है.
दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी का कहना है-
- मुसलमानों के साथ जिस तरीके की घटनाएं हो रही हैं, यह बहुत अफसोस की बात है.
- हमें सरकार से उम्मीद थी कि वह ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी.
- सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया.
- कुछ संस्थाओं ने यह मिलकर बात उठाई है कि कानून के दायरे में रहकर सेल्फ डिफेंस के तहत कुछ काम अंजाम दिए जाना चाहिए.
- इस पर किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए.