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लखनऊ: सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा के बयान पर गहराया विवाद - सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा

यूपी की राजधानी लखनऊ में सीनियर एडवोकेट महमूद प्रचा के प्रेस कान्फ्रेंस में दिए बयान पर विवाद गहराता जा रहा है. इस पर मुस्लिम बुद्धिजीवी बंटे हुए नजर आ रहे हैं. उनके इस बयान को लेकर कहीं विरोध हो रहा है तो कहीं समर्थन.

महमूद प्रचा के बयान पर बंटे मुस्लिम बुद्धिजीवी.
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Published : Jul 21, 2019, 8:39 PM IST

लखनऊ: सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा के कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाए जाने के एलान के बाद से इस मामले पर कहीं समर्थन तो कहीं विरोध हो रहा है. एक तरफ दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता सुफियान निजामी ने महमूद प्राचा के कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाए जाने का समर्थन किया है तो दूसरी तरफ शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस पर सख्त जवाबी हमला किया है.

महमूद प्राचा के बयान पर बंटे मुस्लिम बुद्धिजीवी.

क्या है पूरा मामला-

  • सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि वह 26 जुलाई को मौलाना कल्बे जव्वाद के नेतृत्व में एक कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाएंगे.
  • इस कैंप में लोगों को लाइसेंसी हथियार रखने की कानूनी प्रक्रिया बताई जाएगी,
  • महमूद प्राचा के इस बयान पर अब विवाद गहराता जा रहा है.
  • शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि महमूद प्रचा ईरानी आतंकियों के वकील है.
  • वसीम रिजवी ने शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद को ईरानी आतंकी संगठनों का एजेंट करार दिया.
  • उन्होंने कहा कि ये मुसलमान और दलितों को सेल्फ डिफेंस के नाम पर आतंक से जोड़ने की प्लानिंग कर रहे है.
  • रिजवी ने कहा कि असलहे चलाने की ट्रेनिंग देकर देश के माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है.

दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी का कहना है-

  • मुसलमानों के साथ जिस तरीके की घटनाएं हो रही हैं, यह बहुत अफसोस की बात है.
  • हमें सरकार से उम्मीद थी कि वह ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी.
  • सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया.
  • कुछ संस्थाओं ने यह मिलकर बात उठाई है कि कानून के दायरे में रहकर सेल्फ डिफेंस के तहत कुछ काम अंजाम दिए जाना चाहिए.
  • इस पर किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए.

लखनऊ: सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा के कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाए जाने के एलान के बाद से इस मामले पर कहीं समर्थन तो कहीं विरोध हो रहा है. एक तरफ दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता सुफियान निजामी ने महमूद प्राचा के कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाए जाने का समर्थन किया है तो दूसरी तरफ शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस पर सख्त जवाबी हमला किया है.

महमूद प्राचा के बयान पर बंटे मुस्लिम बुद्धिजीवी.

क्या है पूरा मामला-

  • सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि वह 26 जुलाई को मौलाना कल्बे जव्वाद के नेतृत्व में एक कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाएंगे.
  • इस कैंप में लोगों को लाइसेंसी हथियार रखने की कानूनी प्रक्रिया बताई जाएगी,
  • महमूद प्राचा के इस बयान पर अब विवाद गहराता जा रहा है.
  • शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि महमूद प्रचा ईरानी आतंकियों के वकील है.
  • वसीम रिजवी ने शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद को ईरानी आतंकी संगठनों का एजेंट करार दिया.
  • उन्होंने कहा कि ये मुसलमान और दलितों को सेल्फ डिफेंस के नाम पर आतंक से जोड़ने की प्लानिंग कर रहे है.
  • रिजवी ने कहा कि असलहे चलाने की ट्रेनिंग देकर देश के माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है.

दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी का कहना है-

  • मुसलमानों के साथ जिस तरीके की घटनाएं हो रही हैं, यह बहुत अफसोस की बात है.
  • हमें सरकार से उम्मीद थी कि वह ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी.
  • सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया.
  • कुछ संस्थाओं ने यह मिलकर बात उठाई है कि कानून के दायरे में रहकर सेल्फ डिफेंस के तहत कुछ काम अंजाम दिए जाना चाहिए.
  • इस पर किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए.
Intro:सीनियर एडवोकेट महमूद प्रचा के बढ़ती मॉब कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाए जाने के ऐलान के बाद से इस मामले पर कहीं समर्थन तो कहीं विरोध होता नज़र आने लगा है एक तरफ दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता सुफियान निजामी ने महमूद प्राचा के कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाए जाने का समर्थन जताया है तो दूसरी तरफ शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस पर सख्त जवाबी हमला किया है

Body:सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि वह 26 जुलाई को मौलाना कल्बे जवाद के नेतृत्व में एक कानूनी ट्रेनिंग कैंप लगाएंगे जिसमें लोगों को लाइसेंसी हथियार रखने की कानूनी प्रक्रिया बताई जाएगी जिस पर अब विवाद गहराता जा रहा है। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि महमूद प्रचा ईरानी आतंकियों के वकील है और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ईरानी आतंकी संगठनों के एजेंट है जो मुसलमान और दलितों को सेल्फ डिफेंस के नाम पर आतंक से जोड़ने की प्लानिंग कर रहे है। रिज़वी ने कहा कि असलाह चलाने की ट्रेनिंग देकर देश के माहौल को खराब करने की कोशिश हो रही है जो मॉब लिंचिंग की एक घटना पर दलित और मुसलमानों के ज़रिए 10 कत्ल करवाने की साजिश है।

हालाकी महमूद प्राचा के समर्थन में दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी का भी बयान सामने आया है मौलाना सुफियान निजामी का कहना है कि इस माहौल के अंदर मुसलमानों के साथ जिस तरीके से वाकिया पेश आ रहे हैं कभी गाय के नाम पर तो कभी जय श्री राम ना बोलने पर हत्याएं हो रही हैं यह बहुत अफसोस की बात है हमें सरकार से पूरी उम्मीद थी कि सरकार ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कोई जरूरी कदम उठाती लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाने के बाद कुछ संस्थाओं ने यह मिलकर बात उठाई है कि कानून के दायरे में रहकर सेल्फ डिफेंस के तहत कुछ काम अंजाम दिये जाना चाहिये जिस पर किसी को ऐतराज़ नही होना चाहिये।

बाइट1- वसीम रिज़वी, चैयरमैन, शिया वक्फ बोर्ड

बाइट2- मौलाना सुफियान निज़ामी, प्रवक्ता, दारुल उलूम फरंगी महल

Conclusion:गौरतलब है कि मुल्क में तेजी से बढ़ती मॉब लिंचिंग की वारदातें रुकने का नाम नहीं ले रही है जिसके तहत अब लोगों को जागरूक और जान माल की हिफाजत के लिये सीनियर एडवोकेट महमूद प्रचा कानून के दायरे में रहकर SC ST और मैनोरटीज़ के लोगो को क़ानूनी तौर पर लाइसेंस बनवाने से जुड़ी जानकारियां देंगे जिसकी शुरुआत 26 जुलाई से लखनऊ में कैंप लगाकर होगी लेकिन महमूद राजा के इस बयान के बाद से कहीं समर्थन तो कहीं विरोध अभी से नजर होता दिखाई देने लगा है
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