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लखनऊः कमिश्नरी व्यवस्था लागू होने के बाद जिला प्रशासन कार्यालय से छंटने लगी भीड़

राजधानी लखनऊ में कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई है. इसके तहत नवनियुक्त कमिश्नर सुजीत कुमार पांडे ने दो एसीपी की नियुक्ति की है. वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि हम लोग पहले की तरह ही जनता के हित का कार्य करेंगे.

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कमिश्नर प्रणाली के बारे में जानकारी देते एडीएम विश्व भूषण मिश्र.
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Published : Jan 18, 2020, 5:35 PM IST

लखनऊ: सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने राजधानी में कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई है. इस व्यवस्था के बाद जिला प्रशासन के काफी अधिकार पुलिस के पास चले गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुजीत कुमार पांडे को लखनऊ का नया कमिश्नर नियुक्त किया है. वहीं बात अगर जिला प्रशासन के कार्यों की करें तो अब शांति भंग और इससे संबंधित सारे केस पुलिस के जिम्मे होंगे. इसका असर जिला कार्यालय में दिखाई देने लगा है. यहां भीड़ कम होने लगी है.

कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद बदली जिला और पुलिस प्रशासन की व्यवस्था.
पुलिस के पास ये होंगे मामलेनवनियुक्त कमिश्नर सुजीत कुमार पांडे ने दो एसीपी की नियुक्ति की है. अभय कुमार मिश्र और अमित कुमार राय को एसीपी बनाया गया है. यह दोनों अधिकारी चालान संबंधी और शांति भंग के मामले की सुनवाई करेंगे. इन दोनों के अधिकार क्षेत्र भी डिवाइड कर दिए गए हैं. यह दोनों अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के मामलों को छोड़कर दूसरे के क्षेत्र के मामले की सुनवाई भी करेंगे.जिला प्रशासन करेगा ये कार्य इस मामले में एडीएम विश्व भूषण मिश्र ने कहा कि सरकार की मंशा बेहतर पुलिसिंग की है. इस वजह से यह व्यवस्था लागू की गई है. इससे जिला प्रशासन के कार्यों में थोड़ा सुगमता होगी. जिला प्रशासन पहले की तरह जनता के हित के कार्य करती रहेगी.बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दिया बयानइस मामले में एसोसिएशन के अध्यक्ष जीएन शुक्ला ने बताया कि नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख से व्यवस्था लागू हो गई है. यानी उस दिन से पुलिसिंग से संबंधित केसों की सुनवाई पुलिस करेगी. लेकिन इससे पहले की तारीख के मुकदमे जिला प्रशासन की कोर्ट में ही सुने जाएंगे.


इसे भी पढ़ें:- लखनऊ कोर्ट ने मासूम से दुराचार और हत्या में सुनाई फांसी की सजा, 4 महीने में सुनाया फैसला

लखनऊ: सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने राजधानी में कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई है. इस व्यवस्था के बाद जिला प्रशासन के काफी अधिकार पुलिस के पास चले गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुजीत कुमार पांडे को लखनऊ का नया कमिश्नर नियुक्त किया है. वहीं बात अगर जिला प्रशासन के कार्यों की करें तो अब शांति भंग और इससे संबंधित सारे केस पुलिस के जिम्मे होंगे. इसका असर जिला कार्यालय में दिखाई देने लगा है. यहां भीड़ कम होने लगी है.

कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद बदली जिला और पुलिस प्रशासन की व्यवस्था.
पुलिस के पास ये होंगे मामलेनवनियुक्त कमिश्नर सुजीत कुमार पांडे ने दो एसीपी की नियुक्ति की है. अभय कुमार मिश्र और अमित कुमार राय को एसीपी बनाया गया है. यह दोनों अधिकारी चालान संबंधी और शांति भंग के मामले की सुनवाई करेंगे. इन दोनों के अधिकार क्षेत्र भी डिवाइड कर दिए गए हैं. यह दोनों अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के मामलों को छोड़कर दूसरे के क्षेत्र के मामले की सुनवाई भी करेंगे.जिला प्रशासन करेगा ये कार्य इस मामले में एडीएम विश्व भूषण मिश्र ने कहा कि सरकार की मंशा बेहतर पुलिसिंग की है. इस वजह से यह व्यवस्था लागू की गई है. इससे जिला प्रशासन के कार्यों में थोड़ा सुगमता होगी. जिला प्रशासन पहले की तरह जनता के हित के कार्य करती रहेगी.बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दिया बयानइस मामले में एसोसिएशन के अध्यक्ष जीएन शुक्ला ने बताया कि नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख से व्यवस्था लागू हो गई है. यानी उस दिन से पुलिसिंग से संबंधित केसों की सुनवाई पुलिस करेगी. लेकिन इससे पहले की तारीख के मुकदमे जिला प्रशासन की कोर्ट में ही सुने जाएंगे.


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Intro:लखनऊ। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी है। इस व्यवस्था के बाद जिला प्रशासन के काफी अधिकार पुलिसिंग के पास चले गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुजीत कुमार पांडे को लखनऊ का नया कमिश्नर नियुक्त किया है। वहीं बात अगर जिला प्रशासन के कार्यों की करें तो अब शांति भंग और इससे संबंधित सारे केस पुलिस के जिम्मे होंगे


Body:पुलिसिंग के पास यह होंगे मामले

नवनियुक्त कमिश्नर सुजीत कुमार पांडे ने दो एसीपी की नियुक्ति की है। अभय कुमार मिश्र और अमित कुमार राय को एसीपी बनाया गया है । यह दोनों अधिकारी चालान संबंधी और शांति भंग के मामले की सुनवाई करेंगे। इन दोनों के अधिकार क्षेत्र भी डिवाइड कर दिए गए हैं। यह दोनों अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के मामलों को छोड़कर दूसरे के क्षेत्र के मामले की सुनवाई करेंगे।

जिला प्रशासन यह कार्य करेंगे

इस मामले में जब ईटीवी भारत ने एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्र से बात की तो उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा बेहतर पुलिसिंग की है। इस वजह से यह व्यवस्था लागू की गई है। इससे जिला प्रशासन के कार्यों में थोड़ा सुगमता होगी। जिला प्रशासन पहले की तरह जनता के हित के कार्य करती रहेगी।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दिया बयान

इस मामले में जब बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जीएन शुक्ला से बात की तो उन्होंने भी कहा कि इस व्यवस्था को पटरी पर आने में अभी समय लगेगा। पहले जो केस कलेक्ट्रेट में चल रहे हैं वह मामले अभी भी यहीं सुने जाएंगे। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद नए केसों की सुनवाई पुलिस व्यवस्था के तहत होगी लेकिन जनता को अभी थोड़ा सब्र करना होगा क्योंकि इस व्यवस्था को पटरी पर आने पर समय लगेगा।


Conclusion:लखनऊ के नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर सुजीत कुमार पांडे ने मजिस्ट्रेट मुकदमों की सुनवाई के लिए दो एसीपी की नियुक्ति कर दी है। चालान संबंधित शांति भंग की प्रक्रिया के मामले अधिकारी सुनेंगे। वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी पहले की तरह जनता के हितों के मामलों की सुनवाई करेंगे।

अनुराग मिश्र
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