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लखनऊ: अति पिछड़ों को मिले उनका अधिकार, राज्य स्तरीय 'जन संवाद' कार्यक्रम का आयोजन - अतिपिछड़ों को मिले उनका अधिकार

अति पिछड़ा वर्ग को मुख्य धारा में लाने और उन्हें उनका अधिकार दिलाने के लिए राजधानी में अति वंचित समुदाय के साथ राज्य स्तरीय 'जन संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

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जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Dec 21, 2019, 8:44 PM IST

लखनऊ: राजधानी में अति वंचित समुदाय के साथ राज्य स्तरीय 'जन संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में प्रदेश भर से तमाम अति पिछड़े वर्ग के लोगों ने प्रतिभाग किया और अपनी समस्याएं बताई. इस कार्यक्रम में तमाम ऐसे वर्गों से लोग सामने आए हैं, जिनको बेहद मुश्किल से अपना जीवन-यापन करना पड़ रहा है.

राज्य स्तरीय 'जन संवाद' कार्यक्रम का आयोजन.

प्रतापगढ़ के कुंडा से आई एक महिला ने बताया कि नंदी बैल के साथ भीख मांग कर उन्हें गुजारा करना पड़ता है. उनके पास न रहने को जमीन है और न ही जीवन-यापन करने का कोई रोजगार का माध्यम है. उन्होंने कहा कि वह इसलिए यहां आई हैं ताकि सरकार हम जैसे लोगों को भी रोजगार दे.

इसे भी पढ़ें - असम और मालदा के उपद्रवियों ने जलाया लखनऊ, गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा

प्रतापगढ़ से अति पिछड़ी जाति से आए शिव दर्शन कहते हैं कि हम यहां सरकार से थोड़ी सी जमीन मांगने के लिए आए हैं. हमारे परिवार में भी कोई मर भी जाता है तो हमें अपने घर के सामने ही उसे दफनाना पड़ता है, इसके अलावा हमारे बच्चे स्कूलों में जाते हैं तो उन्हें शिक्षक पढ़ाने से मना कर देते हैं.

इस आयोजन में शामिल मध्यांचल फोरम के सदस्य संतोष सामल कहते हैं कि अति पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए मध्यांचल फोरम और संवाद सामाजिक संस्थान ने मिलकर एक सर्वे किया था, जिसमें प्रदेश भर के तमाम अति पिछड़े वर्ग के लोगों की समस्याएं सामने आई थी और यह भी पता चला था कि वह किन मुश्किलों में रह रहे हैं. हम यह कार्यक्रम सरकार का ध्यान उनकी तरफ आकर्षित करने के लिए कर रहे हैं, ताकि उनका जीवन भी कुछ बेहतर हो सके.

लखनऊ: राजधानी में अति वंचित समुदाय के साथ राज्य स्तरीय 'जन संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में प्रदेश भर से तमाम अति पिछड़े वर्ग के लोगों ने प्रतिभाग किया और अपनी समस्याएं बताई. इस कार्यक्रम में तमाम ऐसे वर्गों से लोग सामने आए हैं, जिनको बेहद मुश्किल से अपना जीवन-यापन करना पड़ रहा है.

राज्य स्तरीय 'जन संवाद' कार्यक्रम का आयोजन.

प्रतापगढ़ के कुंडा से आई एक महिला ने बताया कि नंदी बैल के साथ भीख मांग कर उन्हें गुजारा करना पड़ता है. उनके पास न रहने को जमीन है और न ही जीवन-यापन करने का कोई रोजगार का माध्यम है. उन्होंने कहा कि वह इसलिए यहां आई हैं ताकि सरकार हम जैसे लोगों को भी रोजगार दे.

इसे भी पढ़ें - असम और मालदा के उपद्रवियों ने जलाया लखनऊ, गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा

प्रतापगढ़ से अति पिछड़ी जाति से आए शिव दर्शन कहते हैं कि हम यहां सरकार से थोड़ी सी जमीन मांगने के लिए आए हैं. हमारे परिवार में भी कोई मर भी जाता है तो हमें अपने घर के सामने ही उसे दफनाना पड़ता है, इसके अलावा हमारे बच्चे स्कूलों में जाते हैं तो उन्हें शिक्षक पढ़ाने से मना कर देते हैं.

इस आयोजन में शामिल मध्यांचल फोरम के सदस्य संतोष सामल कहते हैं कि अति पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए मध्यांचल फोरम और संवाद सामाजिक संस्थान ने मिलकर एक सर्वे किया था, जिसमें प्रदेश भर के तमाम अति पिछड़े वर्ग के लोगों की समस्याएं सामने आई थी और यह भी पता चला था कि वह किन मुश्किलों में रह रहे हैं. हम यह कार्यक्रम सरकार का ध्यान उनकी तरफ आकर्षित करने के लिए कर रहे हैं, ताकि उनका जीवन भी कुछ बेहतर हो सके.

Intro:लखनऊ। अतिपिछड़ा वर्ग को मुख्य धारा में लाने और उन्हें उनका अधिकार दिलाने के लिए राजधानी में 'एक अति वंचित समुदाय के साथ राज्य स्तरीय जन संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश भर से तमाम अति पिछड़े वर्ग के लोगों ने प्रतिभाग किया और अपनी समस्याएं बताई।


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इस कार्यक्रम में तमाम ऐसे वर्गों से लोग सामने आए हैं जिनको बेहद मुश्किल से अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है। कुंडा से आई एक महिला ने बताया कि नंदी बैल के साथ भीख मांग कर उन्हें गुजारा करना पड़ता है। उनके पास न रहने को जमीन है और न ही जीवन यापन करने का कोई रोजगार का माध्यम। अपनी समस्या बताते हुए वह कहती हैं कि लोगों ने काम भी नहीं देते। यही वजह है कि उन्हें भीख मांग कर गुजारा करना पड़ता है। वहां इसलिए आई हैं ताकि सरकार से अपने लिए रोजगार की मांग कर सकें।

प्रतापगढ़ से आए एक अति पिछड़ी जाति से आए शिव दर्शन कहते हैं कि आज हम यहां सरकार से थोड़ी सी जमीन मांगने के लिए आए हैं। हमारी जाति को 'चमर मंगता' कहा जाता है। हमारे परिवार में भी कोई मर भी जाता है तो हमें अपने घर के सामने ही उसे दफनाना पड़ता है इसके अलावा हमारे बच्चे स्कूलों में जाते हैं तो उन्हें शिक्षक पढ़ाने से मना कर देते हैं ऐसे में हमारे लिए जीना दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है।


Conclusion:इस आयोजन में शामिल मध्यांचल फोरम के सदस्य संतोष शामिल कहते हैं कि अति पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए मध्यांचल फोरम और संवाद सामाजिक संस्थान ने मिलकर एक सर्वे किया था जिसमें प्रदेश भर के तमाम अति पिछड़े वर्ग के लोगों की समस्याएं सामने आई थी और यह भी पता चला था कि वह किन मुश्किलों में रह रहे हैं। हम यह कार्यक्रम सरकार का ध्यान उनकी तरफ आकर्षित करने के लिए कर रहे हैं ताकि उनका जीवन भी कुछ बेहतर हो सके।

बाइट- कुंडा से आई महिला
बाइट- शिव दर्शन, प्रतापगढ़
बाइट- संतोष सामल, मध्यांचल फोरम सदस्य

रामांशी मिश्रा
9598003584
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