लखनऊ: खराब मौसम के दौरान अतिवृष्टि और भारी बारिश के कारण किसानों के खराब हुए गेहूं को खरीदने को लेकर राज्य सरकार की तरफ से बड़ा आदेश जारी किया गया है. खाद एवं रसद विभाग में शासन के निर्देश के बाद मौसम की वजह से कम गुणवत्ता वाला यानी खराब गेहूं खरीदने का आदेश जारी किया गया है. न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर ही किसानों का खराब गेहूं खरीदा जाएगा और इसमें किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी. राज्य सरकार के अधीन तमाम सरकारी एजेंसियों के बनाए गए गेहूं खरीद केंद्रों पर बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और आंधी तूफान की वजह से गुणवत्ता के गेहूं, जिनमें टूटे हुए, छोटे और सिकुड़े कम चमक वाले गेहूं खरीदने का आदेश जारी किया गया है.
प्रदेश में सरकार के अधीन आने वाली खरीद एजेंसियों के पांच हजार से अधिक खरीद केंद्रों पर एमएसपी पर 2125 रुपये प्रति क्विंटल पर किसानों से गेहूं खरीदा जा रहा है. लेकिन, मार्च में हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से बड़े पैमाने पर गेहूं की गुणवत्ता खराब हुई है. इसलिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से खराब गुणवत्ता वाले गेहूं को बिना किसी प्रकार की कटौती के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की अनुमति देने की मांग की थी. इसके बाद केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने राज्य सरकार के आग्रह पर कम गुणवत्ता और खराब गेहूं को एमएसपी पर खरीदने की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा है कि गेहूं में सिकुड़न व टूटन अधिकतम 18 फीसदी ही स्वीकार की जाएगी. 6 फीसद की सीमा से ज्यादा सिकुड़न और टूटन होने पर हर दो फीसदी पर 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कटौती की जाएगी.
केंद्र सरकार के आदेश के बाद खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त सौरभ बाबू ने कम गुणवत्ता वाले गेहूं की खरीद एमएसपी पर करने के आदेश जारी किए हैं. जारी आदेश में उन्होंने कहा है कि सरकार ने मौसम से खराब गेहूं के गुणवत्ता मानकों में छूट दे दी है और 80 फीसदी की सीमा तक कम चमक और 18 फीसदी तक की सीमा तक सिकुड़े व टूटन वाले गेहूं की खरीद बिना किसी कटौती के एमएसपी पर ही की जाएगी. उल्लेखनीय है कि अभी तक प्रदेश में 25 हजार किसानों से करीब 1.14 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है. इसके लिए किसानों के खाते में 187 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है.
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