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रीता बहुगुणा और राजबब्बर को झटका- मुकदमा वापस लेने की राज्य सरकार की अर्जी खारिज - एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला

उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने एक आपराधिक मामले को वापस लेने की राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है. इसमें रीता बहुगुणा जोशी, राजबब्बर सहित कई लोग आरोपी हैं.

रीता बहुगुणा और राजबब्बर को झटका
रीता बहुगुणा और राजबब्बर को झटका
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Published : Feb 20, 2021, 8:58 PM IST

लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने एक आपराधिक मामले को वापस लेने की राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है. इसमें रीता बहुगुणा जोशी, राजबब्बर सहित कई लोग आरोपी हैं. गौरतलब है कि धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ व पुलिस बल पर हमला करने के एक मामले को वापस लेने की राज्य सरकार ने अर्जी दी थी. कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज कर इसे गंभीर करार दिया. अभियुक्तों पर आरोप तय करने के लिए 6 मार्च की तिथि भी तय कर दी है. इस मामले में रीता बहुगुणा जोशी, राजबब्बर के अलावा प्रदीप जैन आदित्य, अजय राय, निर्मल खत्री, राजेश पति त्रिपाठी व मधुसूदन मिस्त्री समेत 18 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हैं. शनिवार को विशेष अदालत में रीता बहुगुणा जोशी उपस्थित रहीं. विशेष अदालत ने 6 फरवरी को सरकार की इस अर्जी पर अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था.

ये था मामला
17 अगस्त 2015 को इस मामले की एफआईआर एसआई प्यारेलाल प्रजापति ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. एफआईआर के अनुसार कांग्रेस पार्टी द्वारा लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना-प्रदर्शन के दौरान लगभग पांच हजार कार्यकर्ताओं के साथ अचानक यह सभी अभियुक्तगण धरना स्थल से विधान सभा का घेराव करने निकल पड़े. इन्हें समझाने व रोकने का प्रयास किया गया लेकिन नहीं माने व संकल्प वाटिका के पास पथराव करने लगे. इस हमले में एडीएम पूर्वी निधि श्रीवास्तव, एसपी पूर्वी राजीव मल्होत्रा, सीओ ट्रैफिक अवनीश मिश्रा, एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय व एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह समेत पुलिस के कई अधिकारी व पीएसी के कई जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. उस समय अशोक मार्ग से गुजर रहे कुछ आम लोगों को भी चोटें आईं. अभियुक्तों ने कानून व्यवस्था की स्थिति छिन्न-भिन्न कर दी. 25 दिसंबर, 2015 को विवेचना के बाद पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की कई गंभीर धाराओं व क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा में आरोप पत्र दाखिल किया था.

लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने एक आपराधिक मामले को वापस लेने की राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है. इसमें रीता बहुगुणा जोशी, राजबब्बर सहित कई लोग आरोपी हैं. गौरतलब है कि धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ व पुलिस बल पर हमला करने के एक मामले को वापस लेने की राज्य सरकार ने अर्जी दी थी. कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज कर इसे गंभीर करार दिया. अभियुक्तों पर आरोप तय करने के लिए 6 मार्च की तिथि भी तय कर दी है. इस मामले में रीता बहुगुणा जोशी, राजबब्बर के अलावा प्रदीप जैन आदित्य, अजय राय, निर्मल खत्री, राजेश पति त्रिपाठी व मधुसूदन मिस्त्री समेत 18 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हैं. शनिवार को विशेष अदालत में रीता बहुगुणा जोशी उपस्थित रहीं. विशेष अदालत ने 6 फरवरी को सरकार की इस अर्जी पर अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था.

ये था मामला
17 अगस्त 2015 को इस मामले की एफआईआर एसआई प्यारेलाल प्रजापति ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. एफआईआर के अनुसार कांग्रेस पार्टी द्वारा लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना-प्रदर्शन के दौरान लगभग पांच हजार कार्यकर्ताओं के साथ अचानक यह सभी अभियुक्तगण धरना स्थल से विधान सभा का घेराव करने निकल पड़े. इन्हें समझाने व रोकने का प्रयास किया गया लेकिन नहीं माने व संकल्प वाटिका के पास पथराव करने लगे. इस हमले में एडीएम पूर्वी निधि श्रीवास्तव, एसपी पूर्वी राजीव मल्होत्रा, सीओ ट्रैफिक अवनीश मिश्रा, एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय व एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह समेत पुलिस के कई अधिकारी व पीएसी के कई जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. उस समय अशोक मार्ग से गुजर रहे कुछ आम लोगों को भी चोटें आईं. अभियुक्तों ने कानून व्यवस्था की स्थिति छिन्न-भिन्न कर दी. 25 दिसंबर, 2015 को विवेचना के बाद पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की कई गंभीर धाराओं व क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा में आरोप पत्र दाखिल किया था.

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