लखनऊः तीन साल तक काम कर चुके संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियमावली बनाकर उनका वेतन एवं सेवा संरक्षित करने, वर्ष 2016 की वेतन समिति की संस्तुतियों को लागू करने समेत कर्मचारियों की 25 सूत्री मांगों को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने जुलाई में निर्णायक आंदोलन की चेतावनी दी है.
30 जून तक का दिया समय
अध्यक्ष जेएन तिवारी की ओर से मुख्य सचिव एवं सभी अपर मुख्य सचिव को भेजे नोटिस में 30 जून तक समय दिया गया है. उन्होंने कहा कि मांगें पूरी न होने पर आंदोलन होगा. अध्यक्ष ने बताया कि पंचायत चुनाव के दौरान कर्मचारियों-शिक्षकों की कोरोना से मौत हुई है. उनके आश्रितों को कोरोना से संबंधित अनुग्रह राशि देने व सेवा में लेने के लिए मुख्य सचिव को अलग से पत्र लिखा है.
सभी संगठनों से साथ आने का आह्वान
जेएन तिवारी ने जुलाई में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आंदोलन के संबंध में अनुरोध किया है कि सभी कर्मचारी संगठन एक साथ आकर निर्णायक संघर्ष करें. उन्होंने ग्राम प्रधानों एवं पंचायत सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह में कोरोना के दिशा निर्देशों के अंतर्गत वर्चुअल बैठक के माध्यम से शपथ ग्रहण कराए जाने के निर्णय का स्वागत किया है.
कर्मचारियों की समस्याओं पर भी हो वर्चुअल बैठक
उन्होंने कर्मचारियों की समस्याओं पर भी वर्चुअल बैठकों की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्य सचिव से राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के साथ वर्चुअल बैठक करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कोरोना से हुई मौतों के बारे में कर्मचारियों की संख्या को लेकर आंख मिचौली कर रही है.
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चुनाव के दौरान हुई मौतों का आंकड़ा हजारों में
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव के दौरान कर्मचारियों शिक्षकों की मौत का आंकड़ा हजारों की संख्या में है जबकि सरकार की गणना दहाई तक ही सीमित रह गई है. उन्होंने अन्य कर्मचारी संगठनों एवं शिक्षक संगठनों द्वारा उठाए जा रहे आंदोलनात्मक कदमों का स्वागत किया है.