लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (State Employees Joint Council) के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने कमर्चारियों की समस्या प्रमुख सचिवों के स्तर पर दूर न किए जाने को लेकर वार्ता न करने की शिकायत चीफ सेक्रेटरी से मिलकर की. मुलाकात के दौरान संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने कर्मचारियों की समस्याओं, मुख्य रूप से रिक्त पदों को भरा जाना, पदोन्नतियां किया जाना, वेतन विसंगतियों पर निर्णय कराया जाना, समाज कल्याण विभाग के संविदा शिक्षकों का विनियमितीकरण किया जाना, खाद्य एवं रसद विभाग के आपूर्ति शाखा के कर्मचारियों का कैडर रिव्यू कराया जाना और आपूर्ति निरीक्षक के साथ ही क्षेत्रीय खाद्य अधिकारियों को पेट्रोल की महंगाई को देखते हुए वाहन भत्ता की दरों में संशोधन किया जाना, संविदा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाना आदि मांगों से मुख्य सचिव को अवगत कराया.
जेएन तिवारी ने मुख्य सचिव को यह भी अवगत कराया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधियों की अपर मुख्य सचिव कार्मिक के साथ वार्ता हो चुकी है. परंतु वित्त, समाज कल्याण, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग, औद्योगिक कौशल विकास, चिकित्सा स्वास्थ्य, माध्यमिक शिक्षा जैसे विभागों में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव के स्तर पर न तो संगठनों की वार्ता हुई है और न ही कर्मचारियों की मांगों पर कोई कार्रवाई हुई है. मुख्य सचिव ने कर्मचारियों की समस्याओं को ध्यान से सुनते हुए अवगत कराया कि अक्टूबर में दशहरा के बाद कर्मचारी संगठनों के साथ एक वृहद वार्ता वह स्वयं करेंगे, जिसमें सभी विभागों के प्रमुख सचिव उपस्थित रहेंगे.
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वहीं, जे एन तिवारी ने अवगत करया है कि कर्मचारियों की मांगों के प्रति मुख्य सचिव का दृष्टिकोण सदैव ही सार्थक रहा है. विभागीय अधिकारियों द्वारा संगठनों के पदाधिकारियों के साथ वार्ता कर मांगों का निस्तारण न करने पर मुख्य सचिव ने नाराजगी व्यक्त किया है. कहा कि कर्मचारी शासन के अभिन्न अंग है और उनकी मांगों पर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी.