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लखनऊ विश्वविद्यालय: घटते रोजगार पर भाषण प्रतियोगता का आयोजन - Lucknow University

लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय में आज राष्ट्रीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में से 35 से अधिक टीमों ने हिस्सा लिया.

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भाषण प्रतियोगिता में 35 से अधिक टीमों ने हिस्सा लिया
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Published : Aug 9, 2020, 12:44 PM IST

लखनऊ: जिले के लखनऊ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई. प्रतियोगिता में इस भाषण का विषय कोविड-19 के कारण घटता रोजगार था. आयोजन के निर्णायक मंडल में भारत पांडे डिप्टी और लीगल एडवाइजर ओएनजीसी तथा फ्रुमु शेरपा मणिपाल अकैडमी ऑफ हायर रिसर्च रहे. कार्यक्रम की शुरुआत विधि संकाय के प्रमुख प्रोफेसर सीपी सिंह के अभिभाषण से हुई.

सीपी सिंह ने बताया कि इस वैश्विक महामारी के दौर में हमें हर क्षेत्र में ध्यान देने की जरूरत है. इन्हीं क्षेत्रों में से एक अत्यंत प्रमुख क्षेत्र है रोजगार. आधुनिकता के इस दौर में रोजगार शब्द बड़ा ही व्यापक शब्द बन चुका है. इसके उतार-चढ़ाव पर सरकारें बदल जाती हैं. इस वैश्विक महामारी के समय में रोजगार पर बहुत असर पड़ा है. भारत जैसे देश पर इसका असर बहुत हुआ है. आयोजन में इस विषय पर उनके विचारों को जानने के बाद प्रतिभागियों ने अपने विचारों को रखा.

प्रतिभागियों के विचार-
1. देश के पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर को इस वैश्विक महामारी के दौर में एक साथ आना चाहिए, जिससे हमारे स्त्रोतों में वृद्धि हो सके.
2. वोकल फॉर लोकल की टीम को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
3. रोजगार की एक वृहद परिभाषा बनानी चाहिए.
4. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत संगठन बनना चाहिए, जिसके द्वारा रोजगार के सही आंकड़े मालूम हो सकें और उनके निवारण का उपाय कराया जा सके.
5. सरकारों को इस मामले में पारदर्शिता बरतनी चाहिए, जिससे वास्तविक स्थिति का ज्ञान हो सके.
6. विकासशील देशों को अपनी बहुराष्ट्रीय कंपनियों से संबंधित नीति को पुनः निर्मित करना चाहिए और उसमें इस महामारी के दौरान किए जाने वाले उपायों को भी परिलक्षित करना चाहिए.

पुरस्कार
भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर निधि दाल और द्वितीय स्थान पर यश राज एवं तृतीय स्थान पर कशिश अग्रवाल रही, जिन्हें क्रमश: 1500, 800 और 400 रुपये देकर पुरस्कृत किया गया.

लखनऊ: जिले के लखनऊ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई. प्रतियोगिता में इस भाषण का विषय कोविड-19 के कारण घटता रोजगार था. आयोजन के निर्णायक मंडल में भारत पांडे डिप्टी और लीगल एडवाइजर ओएनजीसी तथा फ्रुमु शेरपा मणिपाल अकैडमी ऑफ हायर रिसर्च रहे. कार्यक्रम की शुरुआत विधि संकाय के प्रमुख प्रोफेसर सीपी सिंह के अभिभाषण से हुई.

सीपी सिंह ने बताया कि इस वैश्विक महामारी के दौर में हमें हर क्षेत्र में ध्यान देने की जरूरत है. इन्हीं क्षेत्रों में से एक अत्यंत प्रमुख क्षेत्र है रोजगार. आधुनिकता के इस दौर में रोजगार शब्द बड़ा ही व्यापक शब्द बन चुका है. इसके उतार-चढ़ाव पर सरकारें बदल जाती हैं. इस वैश्विक महामारी के समय में रोजगार पर बहुत असर पड़ा है. भारत जैसे देश पर इसका असर बहुत हुआ है. आयोजन में इस विषय पर उनके विचारों को जानने के बाद प्रतिभागियों ने अपने विचारों को रखा.

प्रतिभागियों के विचार-
1. देश के पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर को इस वैश्विक महामारी के दौर में एक साथ आना चाहिए, जिससे हमारे स्त्रोतों में वृद्धि हो सके.
2. वोकल फॉर लोकल की टीम को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
3. रोजगार की एक वृहद परिभाषा बनानी चाहिए.
4. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत संगठन बनना चाहिए, जिसके द्वारा रोजगार के सही आंकड़े मालूम हो सकें और उनके निवारण का उपाय कराया जा सके.
5. सरकारों को इस मामले में पारदर्शिता बरतनी चाहिए, जिससे वास्तविक स्थिति का ज्ञान हो सके.
6. विकासशील देशों को अपनी बहुराष्ट्रीय कंपनियों से संबंधित नीति को पुनः निर्मित करना चाहिए और उसमें इस महामारी के दौरान किए जाने वाले उपायों को भी परिलक्षित करना चाहिए.

पुरस्कार
भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर निधि दाल और द्वितीय स्थान पर यश राज एवं तृतीय स्थान पर कशिश अग्रवाल रही, जिन्हें क्रमश: 1500, 800 और 400 रुपये देकर पुरस्कृत किया गया.

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