लखनऊ : राजधानी स्थित बलरामपुर अस्पताल में दिव्यांगों के लिए प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं. अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रत्येक सोमवार को यह सर्टिफिकेट जारी करते हैं. वहीं जिस कार्यालय में यह सर्टिफिकेट बनाए जाते हैं उसकी खुद की स्थिति दयनीय है.
क्या है मामला?
- बलरामपुर अस्पताल के पुराने भवन में बनाए जाते हैं प्रमाणपत्र.
- तपती गर्मी में यहां आकर लाइन में खड़े होना सजा से कम नहीं है.
- झुलसती गर्मी में यहां पंखे तक की व्यवस्था नहीं है और न बैठने के लिए कुर्सी या बेंच है.
- मरीजों को होने वाली परेशानी के बावजूद भी प्रमाणित करने वाले अधिकारी कभी समय पर नहीं आते हैं.
- प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद शारीरिक सक्षमताओं से रहित लोगों को दिव्यांग बुलाने की बात कही गई.
- वहीं यहां के कार्यालय में लगे पैम्पलेट और विज्ञापनों में अब भी गलत नाम ही लिखे गए हैं.
मैंने अस्पताल के निदेशक से बात की है. अगर भवन में सुविधाओं का अभाव तो कार्यालय को विज्ञान भवन में शिफ्ट कर दें. जल्द ही सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करा दिया जाएगा. विकलांग शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, अगर ऐसा हो रहा है तो उसे बंद कराया जाएगा.
- डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी