बदायूं : मंदिर गई महिला के साथ हैवानियत के मामले में सीएम योगी बेहद नाराज हैं. उन्होंने अभियुक्तों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई की बात कही है. लेकिन लगता है कि अपराधी सीएम योगी की चेतावनी और कानून के रखवालों की परवाह नहीं करते. वो परवाह नहीं करते इसीलिए साल 2017 के बाद एक बार फिर बदायूं में ही इतनी बड़ी वारदात हो गई. 2017 की बात बाद में करते हैं, पहले ताजा मामले पर निगाह डाल लें.
शाम को मंदिर गई थी महिला
बदायूं जिले के उघेती थाना इलाके का मामला है. 50 साल की एक महिला अक्सर एक मंदिर में पूजा करने जाती थी. वारदात वाले दिन यानि कि रविवार की शाम भी वह महिला मंदिर में पूजा करने गई थी. शाम से रात हो गई लेकिन महिला अपने घर नहीं लौटी. रात के 11 बजे मंदिर का महंत अपने दो सहयोगियों के साथ एक गाड़ी से महिला को लेकर उसके घर पहुंचा. महिला खून से लथपथ थी. उसे उसी हालत में उसके घर पर उतार कर महंत अपने सहयोगियों के साथ चला गया. महिला की हालत को देखकर परिजनों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी. लेकिन पुलिस के कानों पर जूं नहीं रेंगी. थोड़ी ही देर में महिला की मौत हो गई. सुबह होने पर एक बार फिर डायल 112 पर फोन कर मामले की जानकारी दी गई. तब कहीं जाकर पुलिस ने घटनास्थल तक पहुंचने की जहमत उठाई. लेकिन हाय रे खाकीधारी. परिजन कहते रहे कि महिला के साथ दुष्कर्म हुआ है और पुलिस कहती रही कि कुएं में गिरने से मौत हुई है.
नहीं सुनी परिजनों की गुहार
आप सिस्टम की रफ्तार देखिए जरा... रविवार की रात में मर चुकी महिला का मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया गया. और, तब कहीं जाकर यह पुष्टि हो सकी कि महिला के साथ दुष्कर्म हुआ है. परिजन पहले से ही चीख-चीख कर कहते रहे लेकिन तब किसी ने नहीं सुना. जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई तब परिजनों का दिल छलनी हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक महिला के प्राइवेट पार्ट में काफी चोट थे. खून काफी ज्यादा बह चुका था. महिला की पसलियों पर वजनदार चीज से हमला किया गया था. काफी बर्बर तरीके से महिला की हत्या की गई थी.
दो आरोपी गिरफ्तार
क्रूरता की पराकाष्ठा देखकर अधिकारी से लेकर सरकार के मुखिया तक हरकत में आ गए. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कठोरतम कानूनी कार्रवाई की बात कही. लेकिन साहेब सोशल मीडिया पर ट्वीट करने भर से अपराधी नहीं डरने वाले. आप अपने उस सिस्टम को भी जगाइए जो सोया हुआ है. रात भर परिजन इस इंतजार में बैठे रहे कि पुलिस अब आएगी तब आएगी. खून से लथपथ शरीर 18 से 20 घंटे तक पड़ा रहा लेकिन थाने की पुलिस ने कोई सुध नहीं ली. रात के अंधेरे में सोई पुलिस जब दिन के उजाले में जाग जाती है तब थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया जाता है. दो आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया जाता है.
साल 2017 में भी हुई थी ऐसी ही बर्बर वारदात
बदायूं का ही साल 2017 का मामला भी रुह कंपा देने वाला है जब दवा लेकर लौट रहे पति को बंधक बनाकर, उसके सामने ही पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. कठोर कार्रवाई तब भी हुई थी और अब भी होगी. लेकिन लगता है कि ये कमबख्त अपराधी ट्वीट नहीं पढ़ा करते. अगर पढ़ते तो सूबे के मुखिया और पुलिसवालों का ट्वीट देखकर वो भी खौफजदा हो जाते. और फिर कोई वारदात करने से पहले हजार बार सोचता.