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कोविड टेस्ट की फोटो लीक मामले में परिवाद दर्ज करने का आदेश

राजधानी लखनऊ में विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा दाखिल शिकायत को परिवाद के तौर पर दर्ज करने का आदेश दिया है. अधिकारी ने आरोप लगाया है कि कोविड टेस्ट से संबंधित उनके परिवार के फोटो लीक किये गए.

जिला सत्र एवं न्यायाधीश लखनऊ.
जिला सत्र एवं न्यायाधीश लखनऊ.
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Published : Jan 28, 2021, 1:13 PM IST

लखनऊः राजधानी में विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (कस्टम) सुनील कुमार द्वितीय ने आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा दाखिल शिकायत को परिवाद के तौर पर दर्ज करने का आदेश दिया है. शिकायत में आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया है कि उनके परिवार के कोविड टेस्ट से संबंधित फोटो और रिपोर्ट जानबूझ कर लीक किये गए.


आईपीएस अधिकारी ने की शिकायत
शिकायत में मामले की एफआईआर गोमती नगर थाने में दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई थी. वादी का कहना है कि 27 अगस्त 2020 को कोविड टेस्ट दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनके परिवार वालों के फोटो लिए. उन्हें बताया कि यदि वे कोविड पॉजिटिव पाए जाते हैं तो 24 से 48 घंटे में कमांड सेंटर से बताया जाएगा और निगेटिव रिपोर्ट होने पर फोन नहीं आएगा. उन्हें स्वयं सीएमओ लखनऊ कार्यालय से निगेटिव रिपोर्ट के लिए पता करना होगा.

आईपीएस के परिवार की फोटो की गई थी ट्वीट
जबकि उसी दिन शाम को कई निजी ट्विटर हैंडल से अमिताभ ठाकुर की पत्नी और बच्चों के टेस्ट के समय के फोटो अटैच करते हुए ट्वीट किये गए कि उनके परिवार में कोई कोविड पॉजिटिव नहीं आया है. हालांकि पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की गई अपनी रिपोर्ट में कहा कि जांच सरकारी थी, लिहाजा फोटो सार्वजनिक होने को कोई अपराध नहीं पाया जाता है. वहीं कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वादी द्वारा प्रस्तुत किये गए प्रार्थना पत्र में प्रथम दृष्टया अपराध बनता है. कोर्ट ने कहा कि प्रकरण में वादी के पास इस प्रकरण से संबंधित आवश्यक साक्ष्य हैं, लिहाजा इसे परिवाद के रूप में स्वीकार किया जाता है.

लखनऊः राजधानी में विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (कस्टम) सुनील कुमार द्वितीय ने आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा दाखिल शिकायत को परिवाद के तौर पर दर्ज करने का आदेश दिया है. शिकायत में आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया है कि उनके परिवार के कोविड टेस्ट से संबंधित फोटो और रिपोर्ट जानबूझ कर लीक किये गए.


आईपीएस अधिकारी ने की शिकायत
शिकायत में मामले की एफआईआर गोमती नगर थाने में दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई थी. वादी का कहना है कि 27 अगस्त 2020 को कोविड टेस्ट दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनके परिवार वालों के फोटो लिए. उन्हें बताया कि यदि वे कोविड पॉजिटिव पाए जाते हैं तो 24 से 48 घंटे में कमांड सेंटर से बताया जाएगा और निगेटिव रिपोर्ट होने पर फोन नहीं आएगा. उन्हें स्वयं सीएमओ लखनऊ कार्यालय से निगेटिव रिपोर्ट के लिए पता करना होगा.

आईपीएस के परिवार की फोटो की गई थी ट्वीट
जबकि उसी दिन शाम को कई निजी ट्विटर हैंडल से अमिताभ ठाकुर की पत्नी और बच्चों के टेस्ट के समय के फोटो अटैच करते हुए ट्वीट किये गए कि उनके परिवार में कोई कोविड पॉजिटिव नहीं आया है. हालांकि पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की गई अपनी रिपोर्ट में कहा कि जांच सरकारी थी, लिहाजा फोटो सार्वजनिक होने को कोई अपराध नहीं पाया जाता है. वहीं कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वादी द्वारा प्रस्तुत किये गए प्रार्थना पत्र में प्रथम दृष्टया अपराध बनता है. कोर्ट ने कहा कि प्रकरण में वादी के पास इस प्रकरण से संबंधित आवश्यक साक्ष्य हैं, लिहाजा इसे परिवाद के रूप में स्वीकार किया जाता है.

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