लखनऊ: सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने राजधानी के एक प्रापर्टी डीलर को अगवा कर देवरिया जेल में मारने-पीटने व उससे जबरिया रंगदारी वसूलने के मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद उमर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में नीतेश मिश्रा, महेंद्र कुमार सिंह व योगेंद्र कुमार के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को नियत की है.
थाना कृष्णा नगर से संबंधित इस मामले की विवेचना पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी. 12 जून 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सीबीआई ने इस मामले में अतीक अहमद, फारुख, जकी अहमद, मोहम्मद उमर, जफर उल्लाह, गुलाम सरवर व 12 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. सीबीआई ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 329, 364(ए), 386, 394, 411, 420, 467, 468, 471, 506 व 120(बी) में आरोप पत्र दाखिल किया है. सीबीआई की विवेचना अभी प्रचलित है.
जानें क्या है मामला
29 दिसंबर 2018 को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक अहमद ने अपने गुर्गों के जरिए गोमती नगर से उसका अपहरण करा लिया. तंमचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया. अतीक ने उसे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा, लेकिन उसने इनकार कर दिया. इस पर अतीक ने अपने बेटे उमर और गुर्गे गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे तंमचे व लोहे की राड से बेतहाशा पीटा. उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया और करीब 45 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करा ली. साथ ही जानमाल की धमकी भी दी. अतीक के गुर्गों ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली.