लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से नरेंद्र पाल सिंह को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है. घोषित उम्मीदवार का टिकट काटकर वीर सेन यादव को चुनाव लड़ाने की मांग को लेकर मंगलवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
समाजवादी पार्टी मुख्यालय के बाहर मंगलवार को कानपुर देहात के भोगनीपुर विधानसभा सीट पर टिकट बदलने की मांग को लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने धरना दिया. इस दौरान नारेबाजी भी की. स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि समाजवादी पार्टी ने जिस नरेंद्र पाल सिंह को उम्मीदवार बनाया, वह चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं है.
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मांग की कि पूर्व जिला अध्यक्ष व कई बार के जिला पंचायत सदस्य वीरेंद्र यादव को टिकट दिया जाए. समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है. करीब 2 दर्जन कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया व नारेबाजी की.
पुलिस सूत्रों के अनुसार कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन में इन लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनका चालान भी किया गया. गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के अंदर टिकट बदलने और टिकट काटने की मांग को लेकर तमाम अन्य जिलों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहा है. चुनाव से पहले टिकट बदलने को लेकर तमाम कार्यकर्ताओं में असंतोष भी देखने को मिल रहा है.
फर्रुखाबाद में अल्पसंख्यकों नें सपा के सदर बाहर के प्रत्याशी सुमन मौर्य का किया विरोध
फर्रुखाबाद : समाजवादी पार्टी ने जिले की सदर सीट पर सुमन मौर्य को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, मंगलवार को अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से सुमन मौर्य का विरोध किया गया व सपा जिलाध्यक्ष को ज्ञापन दिया गया.
गौरतलब है कि सपा ने सदर सीट से प्रत्याशी सुमन मौर्य को मैदान में उतार दिया. इसका मंगलवार को अल्पसंख्यकों ने विरोधकर सपा जिलाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा. पूर्व सभासद असलम शेर खान के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के सपा कार्यकर्ता व सभासद सपा के आवास विकास पार्टी कार्यालय पर पंहुचे. सपा और महान दल गठबंधन प्रत्याशी सुमन मौर्य का विरोध किया.
उन्होंने जिलाध्यक्ष नदीम अहदम फारुखी और जिला महासचिव मंदीप यादव को पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव को संबोधित पत्र सौंपा जिसमें कहा गया कि सपा नें सदर सीट पर जो फैसला किया है और जिसे टिकट दिया गया है, वह बाहरी प्रत्याशी है. पहले भी सदर से जिन बाहरी प्रत्याशियों को चुनाव जिताया गया, उनका अनुभव खराब है. फिलहाल अल्पसख्यकों ने सदर की टिकट पर पुन: विचार करने की मांग की है.