लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार यार्ड में खड़े-खड़े जंग खाने से स्टार्ट होने की दशा में नहीं रह गई है. इसलिए उसे रेलवे की सिकलाइन में पहुंचा दिया गया है. दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों ने भी मान लिया है कि जब इस सरकार को जाना ही है तो ज्यादा माथापच्ची क्यों की जाए. प्रदेश कोरोना महामारी के समय भाजपा सरकार पूरी तरह असहाय मुद्रा में रही. इलाज और दवाओं के अभाव में मरीज तड़प-तड़प कर मरते रहे. आपदा में अवसर तलाशने वालों ने खुली लूट की. सत्ता संरक्षित अपराधियों की चांदी रही. ध्यान भटकाने के लिए नए-नए प्रोपैगंडा और हंथकडे ही भाजपा का शासन है.
अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री चाहे जितने दावे करें, बढ़ते संगठित अपराध और सत्ता संरक्षित अपराधियों के आगे पूरा सिस्टम पस्त है. खुद मुख्यमंत्री के गृह जनपद में बेखौफ अपराधी लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. गोरखनाथ मंदिर के निकट रहने वाले 11 घरों को खाली कराने के लिए सत्ता का दबाव काम कर रहा है. गोरखपुर के गली मोहल्लों में अवैध असलहों की भरमार है. जनपद के 11 जिलों में 4132 अवैध असलहे मिले. किसी बेचने वाले पर कार्रवाई नहीं हुई, जो मुख्यमंत्री अपना जनपद नहीं संभाल सकते हैं, वह प्रदेश क्या संभालेंगे.
विचलित करने वाली दुष्कर्म की घटनाएं
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नृशंस अपराधों से क्षत-विक्षत बेटियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं विचलित कर देने वाली हैं. खीरी में दो सगी बहनों समेत तीन युवतियों से सामूहिक दुष्कर्म किया गया. आजमगढ़ में किशोरी को अगवा कर गैंगरेप का शिकार बनाया गया. इज्जतनगर में दो दोस्तों के साथ घूमने निकली छात्रा से और रानीगंज में किशोरी से दुष्कर्म हुआ. अचलगंज में 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म हुआ, जबकि फतेहपुर में अपहरण के बाद फिरौती न देने पर 4 दिन से लापता बच्चे की निर्मम हत्या हो गई. आश्चर्य यह है कि इन तमाम अवैध धंधों में भाजपा के कई नेता शामिल पाए गए हैं.
उत्तर प्रदेश में जनता ने भाजपा को हटाने का मन बना लिया है. जनता को लुभावने जुमलों और झूठ की आड़ में भाजपा सरकार ने चार साल काट लिए, अब उसके जाने के दिन ही गिने जा रहे हैं.
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