लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने प्रदेश सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर के भाजपा से अलग होने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि भाजपा एक ऐसा डूबता जहाज है, जिस पर अब कोई मौजूद नहीं रहना चाहता. राजभर के अलग होने से उत्साहित सपा बसपा गठबंधन को उम्मीद है कि इससे भाजपा के वोट बैंक में बंटवारा होगा और फायदा गठबंधन को मिलेगा.
प्रदेश सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भाजपा से नाता तोड़ने का एलान किया तो इसका असर समाजवादी पार्टी में भी दिखाई दिया. सपा-बसपा गठबंधन ने इसे भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दलित और पिछड़ा विरोधी राजनीति का परिणाम बताया.
क्या-क्या बोले समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमीक जामई
- ईटीवी भारत से अमीक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के जहाज में सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन ने बड़ा सुराख कर दिया है.
- भाजपा एक डूबता हुआ जहाज है, जिस पर अब कोई भी ठहरना नहीं चाहता. उ
- भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश और पूरे देश में जिस तरह पिछड़ा और दलित अल्पसंख्यक विरोधी राजनीति की शुरुआत की है.
- उसे सभी लोग समझने लगे हैं और ऐसे में कोई भी दलित और पिछड़ा उनके साथ हम जाने को तैयार नहीं है.
- लोकसभा चुनाव में सभी समाज के लोग भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं.
सुभासपा के नेता ओमप्रकाश राजभर के अलग होने से सपा बसपा और रालोद गठबंधन को पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति में संजीवनी मिलती दिखाई दे रही है. गठबंधन को उम्मीद है कि इससे भारतीय जनता पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान मिले समर्थन में कमी आएगी. पूर्वांचल का राजभर समाज भाजपा से अलग होगा तो हर सीट पर उसे 30 - 40 हजार से लेकर एक लाख मतों का नुकसान होगा और इसका फायदा गठबंधन के प्रत्याशी को मिलेगा.