लखनऊः रहमान खेड़ा में करीब एक माह से बाघ की दहशत कायम है. बाघ लगातार जंगल से सटे गांवों में चहलक़दमी कर रहा है. बाघ की फोटो व पगमार्क तो वन विभाग की एक्सपर्ट टीम को मिल रहे हैं लेकिन उसकी लोकेशन नहीं मिल रही है.
रविवार को एक बार फिर बाघ की लोकेशन मीठे नगर इलाके में मिली. इसके बाद हथिनी सुलोचना और डायना के साथ वन विभाग की एक्सपर्ट टीम व डॉक्टरों ने कॉम्बिंग की लेकिन वन विभाग की टीम उसकी लोकेशन पता लगाने में सफल नहीं हो सकी.
![tiger footprints found in lucknow rehman kheda but no location](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/06-01-2025/up-luc-02-tiger-photo-10166_06012025073842_0601f_1736129322_332.jpg)
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बाघ से बचाव और लोगों को जागरूक करने के लिए रविवार को डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने रविवार को 11 गांव के ग्राम प्रधानों के साथ एक बैठक भी की. बैठक में ग्राम प्रधानों को जागरूक करने के साथ बाघमित्र टीम बनाकर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सहयोग भी मांगा गया. इस दौरान वन विभाग की टीम ने हबीबपुर, बुधड़िया और हलुआपुर समेत आस-पास के इलाके में जन जागरूकता अभियान भी चलाया बैठक में बाघ रेस्क्यू ऑपरेशन की नोडल अधिकारी चंदन चौधरी और रीजनल फॉरेस्ट अफसर भी मौजूद रहे.
डीएफओ ने बताया रहमान खेड़ा संस्थान व आस-पास के इलाके में बाघ के प्रवास करने और उसके सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए पहले से 22 कैमरे ट्रैप व ट्रैपिंग केज लगाए गए हैं. अब 10 अतिरिक्त कैमरा ट्रैप व 2 ट्रैपिंग केज संवेदनशील क्षेत्र में रविवार से और लगाए गए हैं. मीठे नगर में बाघ के ताजे पगमार्क मिलने पर वन विभाग की टीम ने हथिनी डायना और सुलोचना के साथ पूरे इलाके में कॉम्बिंग की.
करीब एक माह से बाघ की दहशत कायम है. बाघ लगातार जंगल से सटे गॉवो में चहलक़दमी कर रहा है बाघ की फोटो व पगमार्क तो वन विभाग की एक्सपर्ट टीम को मिल रहे हैं लेकिन वे उसकी लोकेशन अब तक नहीं तलाश कर पाए हैं.
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