लखनऊ : समाजवादी पार्टी अपने संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने पर फोकस कर रही है. कार्यकर्ताओं की टोली बूथ तक बनाई जाएगी और अखिलेश यादव 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अपने संगठन की मजबूती पर ध्यान दे रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने प्रमुख कार्यकर्ताओं को मंत्र दिया है. भाजपा की तर्ज पर अखिलेश यादव बूथ समिति और उसमें 15 संघर्षशील कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी. अखिलेश यादव की कोशिश है कि अपने संगठन के कामकाज बूथ स्तर तक केंद्रित हों जिससे इसका फायदा चुनाव में हो सके.
पिछले दिनों अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ बूथ समिति बनाने और सारी तैयारियां बूथ केंद्रित होने को लेकर बैठक की थी. उन्होंने नेताओं से कहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा से लड़ने के लिए बूथ की मजबूती सबसे जरूरी है. बूथ मजबूत रहेगा तभी भाजपा से लड़ाई जीती जा सकती है. इसलिए हमें बूथ पर सबसे अधिक मजबूत होना है. उन्होंने अपना बूथ सबसे मजबूत का संदेश भी दिया है. बूथ पर 15 सदस्यों की समिति बनाकर हमें संगठन मजबूत करना है. बूथ पर जिन कार्यकर्ताओं की टोली बनाई जाएगी. उनमें जातीय समीकरण के साथ ही क्षेत्रीय संतुलन भी साधा जाएगा. पार्टी से जुड़े जो नेता हैं और कार्यकर्ताओं की टोली है उसे बूथ कमेटियों में शामिल किया जाएगा. इसके साथ ही पार्टी के बड़े नेताओं को बूथ का प्रभारी बनाया जाएगा. जिससे उनकी देखरेख में ही बूथ की कमेटी अपने संगठन को मजबूत करने का काम ठीक ढंग से कर सके.
सपा नेतृत्व की कोशिश है कि बूथ सशक्त होगा तो सब कुछ ठीक होगा. इसी अवधारणा को लेकर भाजपा नेतृत्व ने भी यूपी में बूथ मैनेजमेंट के दम पर ही सत्ता पर काबिज होने में सफल हुई थी. सपा ने अब अपनी पूरी चुनावी रणनीति बूथ आधारित करने पर फोकस करने का फैसला किया है. पार्टी के विधायक, सांसद समेत सभी पदाधिकारियों को अपने घर वाले बूथ की प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी देने का निर्देश दिया है. पिछले दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत को लेकर कार्यकर्ताओं को बूथ मजबूत करने का मंत्र दिया है. कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता कमर कसकर बूथ पर मजबूती से काम करें और मेहनत करें. उन्होंने कहा है कि अगर हमारा बूथ मजबूत हो जाएगा तो हम वोटिंग के दिन अपने मतदाताओं को पोलिंग स्टेशन तक ले जाने में सफल हो जाएं तो भाजपा को जरूर सत्ता से बेदखल किया जा सकता है.