लखनऊः ब्लॉक प्रमुख चुनाव में हुए हिंसा मामले में अभी तक यूपी के अलग-अलग जिलों में 161 नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जिसमें से 60 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. लेकिन इस मामले में बुधवार को एसपी का एक डेलिगेशन डीजीपी से मिलने के लिए पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचा. इस दौरान उन्होंने डीजीपी से निष्पक्ष कार्रवाई करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा. उधर 9 सौ से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज किये गए हैं.
निष्पक्ष कार्रवाई की मांग
इसके साथ ही चेतावनी दी है कि अगर निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की जाती है तो एसपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे. क्योंकि ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के द्वारा भी आम जनमानस को पीटा गया है. डेलिगेशन ने कहा है कि बीजेपी कार्यकर्ता और नेताओं के द्वारा खुलकर हिंसा फैलाई गई है और मुकदमा एसपी कार्यकर्ताओं और नेताओं पर दर्ज किया गया है.
पुलिस मुख्यालय पर पहुंचा एसपी के डेलिगेशन ने कहा कि प्रतापगढ़ के ब्लॉक आसपुर देवसरा विधानसभा पट्टी में ब्लॉक प्रमुख चुनाव में मतदान के दौरान बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों के समर्थकों पर पुलिस की मिलीभगत से एसपी समर्थित प्रत्याशी सुषमा यादव को हराने के लिए योजनाबद्ध तरीके से एसपी के समर्थित सदस्यों को उनके वोट देने से रोका गया है. इतना ही नहीं एसपी कार्यकर्ताओं को वोट नहीं डालने दिया गया है. डेलिगेशन ने कहा कि जब इस मामले पर पता किया गया तो बताया कि उनका वोट पड़ चुका है. जबकि उनके द्वारा वोट डाला ही नहीं गया है.
फर्जी रूप से SP कार्यकर्ताओं पर किया गया मुकदमा
सदस्य विधानसभा परिषद उदयवीर सिंह का कहना है कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव में वोटिंग की धांधली को लेकर जब एसपी कार्यकर्ताओं द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताया गया. इसी दौरान ब्लॉक प्रमुख चुनाव में बीजेपी समर्थित प्रत्याशी के समर्थक और पुलिस एवं प्रशासन की धांधली का पर्दाफाश होने के डर से निर्दोष समाजवादी कार्यकर्ताओं और आम जनमानस को मारने पीटने के साथ लाठी चार्ज किया गया है. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के जो कार्यकर्ता वहां मौजूद थे, उनकी लिस्ट बनाकर 161 समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के नाम पता अंकित कर नामजद एफआईआर की गई है.
पुलिस मुख्यालय के बाहर एसपी डेलिगेशन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव में हुई हिंसा और धांधली को लेकर आज ये डेलिगेशन डीजीपी से मिलने आया हुआ था. डीजीपी से मिलने के दौरान उनको ज्ञापन भी दिया गया है.
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उदयवीर सिंह का कहना है कि डीजीपी से गुहार लगाई गई है कि जिस तरह से निर्दोष समाजवादी कार्यकर्तों पर नामजद एफआईआर की गई है. इस पर निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए निर्दोषों को बरी किया जाए और दोषी बीजेपी कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज की जाए. उन्होंने कहा कि वीडियो में साफ तौर से देखा जा रहा है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसा फैलाई जा रही है. इटावा एसपी को थप्पड़ मारा जा रहा है. जगह-जगह फायरिंग की जा रही है. इसके बावजूद भी निर्दोष एसपी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई हो रही है. उन्होंने कहा कि दूर-दूर तक किसी भी वीडियो में एसपी कार्यकर्ता हिंसा फैलाते नजर नहीं आ रहे हैं. उदयवीर सिंह ने चेतावनी दी है कि अगर पुलिस के द्वारा निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होती है तो वो सड़क पर उतर कर अपना विरोध भी दर्ज कराएंगे.