लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने मंडल कमीशन को पूर्ण रूप से लागू किए जाने की मांग की. इस दौरान समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा. बता दें कि सात अगस्त 1990 को 'मण्डल कमीशन' की रिपोर्ट लागू करने की घोषणा हुई थी. जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने आज का दिन मंडल दिवस के रूप में मनाया.
इस मौके पर पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजपाल कश्यप ने कहा कि दुर्भाग्यवश पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए गठित मण्डल कमीशन की समस्त संस्तुतियां अब तक लागू नही की गई हैं, जिसके चलते इन वर्गों को उचित हिस्सेदारी नहीं मिल पाई है. मंडल दिवस पर मण्डल आयोग की सिफारिशों की चर्चा करते हुए पूरे राज्य में लोगों को जागरूक किया गया. जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को मण्डल आयोग की समस्त सिफारिशों को लागू करने हेतु संबोधित ज्ञापन दिया गया.
ज्ञापन में कहा गया कि समाजवादी पार्टी सात अगस्त 2021 को 'मण्डल दिवस' के रूप में मना रही है. वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, आरक्षण समाप्त किया जा रहा है. पिछड़े, दलित, आदिवासी अल्पसंख्यक और महिलाओं के साथ अन्याय और अत्याचार चरम सीमा पर है. सरकार की गलत नीतियों के चलते पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यकों के अधिकार खतरे में है. उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने मण्डल कमीशन की नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था. उस 27 प्रतिशत आरक्षण में भी वर्तमान सरकार पिछड़ों की अनदेखी कर रही है.
इस ज्ञापन में मांग की गई है कि मण्डल कमीशन की सभी सिफारिशें लागू करते हुए पिछड़ों के हक और सम्मान की रक्षा के लिए राष्ट्रपति द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये जाएं. इस दौरान समाजवादी पार्टी युवजन सभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास यादव, लखनऊ बार एसोसिएशन के महामंत्री जितेंद्र सिंह यादव ‘जीतू‘, समाजवादी पार्टी लखनऊ के जिलाध्यक्ष जयसिंह जयंत, शैलेन्द्र वर्मा लोधी समेत बड़ी संख्या में नेता व कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
ये थीं मुख्य मांगें
- मण्डल कमीशन की सभी सिफारिशें पूरी तरह से लागू की जाएं.
- जातीय जनगणना कराई जाए.
- आबादी के अनुपात में सभी को हिस्सेदारी दी जाए.
- आरक्षित वर्गों को बैकलाग भर्ती शुरू करके नौकरियां एवं सुविधाएं दी जाएं.
- नीट, मेडिकल की परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को रोके जाने पर जो लगभग 10 हजार सीटों का नुकसान हुआ है उसकी क्षतिपूर्ति के लिए व्यवस्था की जाए.
- निजी क्षेत्रों में भी मण्डल कमीशन की रिपोर्ट लागू कर आरक्षण का लाभ दिया जाए.