लखनऊ: भूत-प्रेत के बारे में बहुत से किस्से सुने होंगे. बहुत से लोग इसपर विश्वास करते हैं और कई लोग इसे नहीं मानते हैं. हालांकि कई लोग यह दावा जरुर करते हैं कि उन्होंने भूत देख है. कई बार यह भी सुनने में आता है कि किसी के शरीर में भूत का साया है, इसे प्रेत बाधा भी कहा जाता है. देश में बहुत सी ऐसी जगह हैं जहां भूतों का साया होने की बात कही जाती है. किसी पेड़ पर या किसी के घर में आपको भूतों के होने के किस्से सुनने को मिल जाएंगे. कई बार यह भी कहा जाता है कि बहुत दिनों से खाली पड़े घर में भूतों का डेरा हो जाता है. तो आज हम आपको भूत-प्रेतों से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य बताने जा रहे हैं, जिसे जानना आपके लिए बेहद जरुरी है.
कौन बनता है भूत
कहते हैं कि यदि किसी की अकाल मौत जैसे दुर्घटना, हत्या या आत्महत्या हो जाए तो उसकी आत्मा भटकती है. ये भी कहा जाता है कि जो शख्स भूखा, प्यासा, राग, क्रोध, संभोग सुख से वंचित, लोभ, वासना आदि इच्छाएं लेकर मरा है तो वह भी भूत बनता है. ऐसे लोगों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पंण किया जाता है. जो लोग अपने पितरों और स्वजनों का श्राद्ध नहीं करते हैं उन्हें अतृप्त आतमाएं परेशान करती हैं.
किसे पकड़ सकता है भूत
जो लोग तिथि जैसे एकादशी, प्रदोष, अमावस्या आदि में पवित्रता का ध्यान नहीं रखते हैं, जो लोग पाप कर्म में हमेशा लगे रहते हैं, ऐसे लोग आसानी से भूतों के चंगुल में आ सकते हैं. जिन लोगों की मानसिक शक्ति कमजोर होती है, उनपर भूत सीधा अटैक करते हैं. जो लोग निशाचरी हैं वह भी आसानी से भूतों का शिकार हो सकते हैं.
शरीर में प्रेतबाधा होने की क्या है पहचान
अगर किसी पर भूत का साया है तो वह पागल की तरह बात करने लग जाता है. उसकी आंखे लाल हो जाती हैं और शरीर में हमेशा कंपन बना रहता है. पिशाच पीड़ा से ग्रसित आदमी हमेशा खराब काम जैसे- नग्न हो जाना, दूषित भोजन करना, हमेशा उल्टा-सीधा बोलना आदि करने लगता है. शाकिनी पीड़ा से ज्यादातर महिलाएं पीड़ित रहती हैं. ऐसी महिला को पूरे शरीर में दर्द बना रहता है और वह अक्सर बेहोश हो जाती है. चुड़ैल पीड़ा भी ज्यादातर महिलाओं को ही लगती है. ऐसी महिला यदि शाकाहारी है तो वह मांस खाने लग जाएगी, वह कम बोलेगी लेकिन अक्सर मुस्कुराती रहेगी. यक्ष पीड़ा से ग्रसित शख्स की आवाज धीमी और चाल तेज हो जाती है. वह ज्यादातर आंखों से इशारे करता है.
प्रेतमुक्ति का उपाय भी है
हिंदू धर्म में प्रेत से बचने के तमाम उपाय बताए गए हैं. पहला उपाय यह है कि गले में ऊँ या रुद्राक्ष का माला पहनें, हाथ में मौली (कलावा) बांधे रहें. प्रेत बाधा दूर करने के लिए पुष्य नक्षत्र में धतूरे का पौधा जड़ सहित उखाड़कर जमीन में ऐसा गाड़ें कि जड़ वाला भाग ऊपर रहे और पूरा पौधा धरती में समा जाए, ऐसा करने से घर में प्रेत बाधा नहीं आती है.
प्रेत बाधा निवारक हनुमान मंत्र का जाप करें- ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच शाकिनी डाकिनी यक्षणी पूतना मारी महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम् क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा.
नदी, पुल और सड़क पार करते समय भगवान का स्मरण जरुर करें. एकांत में सोने और यात्रा करते समय पवित्रता का ध्यान जरुर रखें. जगह देखकर ही पेशाब करें. रात में सोने से पहले भूत-प्रेत पर चर्चा न करें. भूत भगाने वाले सभी स्थानों से बचकर रहें, क्योंकि यह धर्म और पवित्रता के खिलाफ है.
अन्य उपाय
अगर डरावने सपने आते हों तो हनुमान चालीसा या गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करें. हनुमान मंदिर में बजरंगबली का श्रृंगार करें और चोला चढ़ाएं. अशोक पेड़ के 7 पत्ते मंदिर में रखकर पूजा करें. इनके सूखने पर नए पत्ते रखें और सूखे पत्तों को पीपल पेड़ के नीचे रख दें. यह क्रिया नियमित करने पर घर भूत-प्रेत बाधा और नजर दोष से मुक्त रहेगा.