लखनऊ : कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की जीडी कांस्टेबल की परीक्षा में सॉल्वर गैंग ने दिव्यांग को सिपाही बनाने का टेंडर उठाया था. इसके लिए ऑनलाइन परीक्षा में सॉल्वर बैठाने व दौड़ में एक अन्य लड़के को बिहार से तैयार कर लिया था. दिव्यांग अभ्यर्थी के प्रवेश पत्रों तीन लड़कों की फोटो मिक्स थी, यूपी एसटीएफ ने पूछताछ की तो इस बात का खुलासा हुआ. फिलहाल एजेंसी ने सभी दस्तावेज फाॅरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं, वहीं गैंग के अन्य आरोपी सलमान, जो सीआरपीएफ में सिपाही है उसकी तलाश तेज कर दी गई है.
मंगलवार को यूपी एसटीएफ ने सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ करते हुए गैंग लीडर सिपाही अच्युतानंद यादव समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए गुड्डू यादव के एक पैर में समस्या है, जिसके कारण वह दिव्यांग की श्रेणी में आता है. बावजूद इसके उसने एसएससी कांस्टेबल भर्ती के लिए आवेदन किया था. सॉल्वर गैंग से अभ्यर्थी गुड्डू से कॉन्स्टेबल बनने के लिए पांच लाख रुपये में डील की थी. 22 अगस्त 2022 को उसकी जगह पर सॉल्वर राकेश यादव ऑनलाइन परीक्षा दे चुका था, अब फिजिकल के लिए उसकी जगह एक अन्य को दौड़ाने की तैयारी थी, वहीं एसटीएफ अब सीआरपीएफ जवान सलमान की तलाश में जुटी हुई है. एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि सलमान भी इसी सॉल्वर गैंग का ही सदस्य है. एजेंसी ने सीआरपीएफ को सलमान के बाबत जानकारी दे दी है. दूसरी तरफ सॉल्वर गैंग लीडर व अयोध्या में तैनात रहे आरोपी सिपाही अच्युतानंद यादव की गिरफ्तारी की रिपोर्ट अयोध्या पुलिस को भेज दी गई, फिलहाल उसे सस्पेंड कर विभागीय कार्रवाई के लिए जांच शुरू कर दी गई है.
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